संघर्षरत महिलाओं की आवाज
रिपोर्ट के अनुसार, 46 वर्षीय लोपेज दुनियाभर में यात्रा करके युद्ध क्षेत्रों, शरणार्थी शिविरों में रही रही संघर्षरत महिलाओं की आवाज बनेंगी। यही नहीं वह अपने मूल स्थान न्यूयॉर्क में मौजूद बेसहारा और असहाय महिलाओं की दुर्दशा को सबके सामने लाएंगी। यूएन में वैश्विक दूत बनकर जेनिफर देश-विदेश की उन महिलाओं को प्रोत्साहित करेंगी जो इस भागदौड़ में पिछड़ी हुई हैं।

अधिकारों को लेकर जागरुक

वैश्विक दूत बनाए जाने के बाद जेनिफर ने कहा कि, वह जबसे मां बनी हैं, तभी से दुनियाभर की महिलाओं और बच्चों के संघर्ष को लेकर अधिक जागरुक हुईं हैं। कुछ प्रगति भी हुई लेकिन लैंगिक समानता और स्वास्थ्य देखभाल तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अब भी काफी कुछ काम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि, यूएन फाउंडेशन में शामिल होकर वह काफी उत्साहित हैं और उन तक अपनी आवा पहुंचाने के लिए उत्सुक भी हैं। इसके जरिए वह यह सुनिश्चित करेंगी कि सभी महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित, स्वस्थ, शिक्षित और सशक्त हों।

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