--श्रीनगर के आतंकी हमले में झारखंड का लाल शहीद

-साहिबगंज डीसी-एसपी ने घर पहुंचकर परिजनों को बंधाई ढांढस

-घर वापसी के लिए करा लिया था ट्रेन में रिजर्वेशन

छठ पर घर जरूर आऊंगा। मैंने कनफर्म रिजर्वेशन भी करा लिया है। ये बातें झारखंड के साहेबगंज निवासी और बीएसएफ में एएसआइ बृजकिशोर यादव ने सोमवार की रात नौ बजे फोन पर बातचीत के दौरान अपनी बेटी से कही थीं। उन्होंने कहा था कि हम कुशल से हैं और छठ पूजा के लिए 17 अक्टूबर को घर आएंगे, लेकिन मंगलवार की सुबह उनकी शहादत की खबर आई।

11 बजे आई खबर

मंगलवार को अल सुबह श्रीनगर के बीएसएफ कैंप पर आतंकी हमले में साहिबगंज निवासी बीएसएफ में एएसआइ बृजकिशोर यादव शहीद हो गए। सुबह करीब 11 बजे बीएसएफ कैंप के ही उनके साथी गौतम ने फोन से यह सूचना परिजनों को दी। बृजकिशोर के आतंकी हमले में शहीद होने की खबर से साहिबगंज और उनके पैतृक गांव भागलपुर में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों का उनके साहिबगंज में हरिपुर बिजली घाट स्थित आवास पर तांता लग गया है। एएसआइ के शहीद होने की जानकारी सबसे पहले इनके पैतृक आवास पर भागलपुर के जिलाधिकारी आदेश तितरमारे और एसएसपी मनोज कुमार ने दी थी, इसके बाद साहिबगंज स्थित आवास पर उपायुक्त डॉ। शैलेश कुमार चौरसिया और एसपी पी मुरूगन ने पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाई।

दो बेटी और एक बेटा

बृजकिशोर (52 वर्ष) के परिवार में पत्नी लिपि यादव, दो बेटियां सुषमा व संध्या और एक बेटा अभिषेक है। अभिषेक बेंगलुरू में इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर रहा है। बड़ी बेटी संध्या की शादी मुंगेर में हुई है। उसके पति फार्मासिस्ट हैं। छोटी बेटी सुषमा एसएन कॉलेज भागलपुर में 12 वीं की छात्रा है। पिता की मौत से दोनों बेटियां रो रोकर बेहाल हैं। पत्नी लिपि तो कई बार गश खाकर गिर पड़ीं। परिजनों का क्रंदन देख शोक संवेदना प्रकट करने आए लोगों की आंखों से भी आंसू बहते रहे।

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10 वर्ष से थे श्रीनगर में तैनात

वर्ष 1984-85 में बृजकिशोर ने बीएसएफ ज्वाइन किया था। वह 2007 से श्रीनगर में तैनात थे। यह इनकी चौथी पोस्टिंग थी। इसके पूर्व मेघालय के शिलांग में उन्होंने प्रशिक्षण लिया था और बीएसएफ में नौकरी शुरू की थी। पहली पोस्टिंग राजस्थान के जैसलमेर (पोखरण) में हुई, उसके बाद उन्होंने मेघालय के तुरा में सेवाएं दीं। इसके बाद पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में पोस्टिंग हुई।

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बीएसएफ से है परिवार का गहरा नाता

शहीद बृजकिशोर कुल आठ भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। इनके छह भाई व दो बहनें हैं। बीएसएफ से बृजकिशोर के परिवार का गहरा नाता है। उनके बड़े भाई राजकिशोर यादव भी बीएसएफ में ही एएसआइ हैं। इस समय वे राजस्थान में तैनात हैं। परिजनों ने कहा, भाई की शहादत ने पूरे झारखंड और बिहार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

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