RANCHI:हरियाणा के पानीपत जिले के सींक गांव में बंधक बनाई गई गर्भवती किशोरी को लेकर झारखंड पुलिस और पानीपत की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) भिड़ गई। बुधवार को झारखंड के जिला साहिबगंज की मिर्जा चौकी के एएसआइ सतानंद तिवारी, महिला पुलिसकर्मी मोएमुरू और किशोरी का भाई पानीपत पहुंचे। वे किशोरी को साथ ले लाने पर अड़ गए। वहीं, सीडब्ल्यूसी ने किशोरी को उनके साथ भेजने से इन्कार कर दिया। समिति ने दलील दी कि किशोरी गर्भवती है, ऐसे में यदि उसे झारखंड भेजा तो उसके बच्चे को खतरा हो सकता है। इस मामले को लेकर सीडब्ल्यूसी बृहस्पतिवार को डीसी के साथ बैठक करेगी।

क्या है मामला

साहिबगंज के गांव पैरागौडा की किशोरी को उसके कथित पति महेश्वर ने सींक गांव के अनिल के हाथों 70 हजार रुपए में बेच दिया था। किशोरी ने फोन कर इसकी जानकारी अपने भाई को दी। भाई ने झारखंड की एनजीओ के जरिए दिल्ली के नेशनल कैंपेन कमिटी के कन्वेनर निर्मल गोराना से संपर्क किया। किशोरी को निर्मल का मोबाइल फोन नंबर दिया गया। इसके बाद ख्क् दिसंबर को निर्मल गोराना ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर उसे सींक गांव से मुक्त कराया। तभी से वह सौंधापुर के अनाथालय में है।

अनाथालय में रह रही है युवती

इधर, बुधवार को किशोरी का भाई पुलिस के साथ पानीपत बाल अनाथालय पहुंचा। अनाथालय संचालक अमरजीत सिंह नरवाल ने उन्हें बाल कल्याण समिति के कार्यालय भेज दिया। समिति की प्रधान सुमन सूद ने उन्हें बताया कि इस मामले में डीसी के साथ बैठक करके विचार-विमर्श किया जाएगा। वहीं, एएसआइ सतानंद का कहना है कि क्म् जुलाई को महेश्वर के खिलाफ किशोरी के अपहरण का मामला मिर्जा चौकी में दर्ज किया गया था। वे किशोरी को साथ ले जाएंगे।