RANCHI: राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के संचालन के लिए 563 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीय¨रग सह मॉनीट¨रग कमेटी ने वित्तीय वर्ष 2017-18 का यह प्रस्ताव केंद्र को भेजने पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। अब केंद्र में होनेवाली प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड की बैठक में इसपर निर्णय लिया जाएगा। बजट प्रस्ताव के अनुसार, योजना के संचालन के लिए 332 करोड़ रुपये केंद्र देगा, जबकि अपने अंश के रूप में 231 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी।

फूड टेस्टिंग पर भी मंथन :

केंद्र के निर्देश के अनुसार मिड डे मील का सैंपल नहीं ले पाने तथा इसकी जांच नहीं होने पर चिंता प्रकट की गई। कहा गया कि फूड एनालिस्ट के पद रिक्त होने के कारण राज्य की लेबोरेट्री में अभी कोई भी फूड सैंपल की जांच नहीं हो रही है। मुख्य सचिव ने केरल, तमिलनाडु व अन्य राज्यों का अध्ययन करने का निर्देश दिया ताकि उसे झारखंड में भी लागू किया जा सके।

रसोइए को मिलेगा कैप व एप्रॉन

राज्य सरकार ने भोजन बनानेवाली रसोइए के लिए एप्रॉन व कैप का प्रस्ताव इस बार भी बजट प्रस्ताव में दिया है.हालांकि केंद्र ने पिछले साल ही इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया था। बैठक में सरकारी स्कूलों में चरणबद्ध ढंग से एलपीजी गैस सिलेंडर खरीदने पर भी स्वीकृति मिली।

एसएमएस से देना होगा प्रतिवेदन

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में लगभग चालीस फीसद स्कूल मिड डे मील की जानकारी एसएमएस से प्रतिदिन दे रहे हैं.इसपर मुख्य सचिव ने सौ फीसद स्कूलों में इसे लागू करने तथा इसका अनुपालन नहीं करनेवाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया।