RANCHI : दारोगा नियुक्ति परीक्षा के लिए झारखंड स्टेट स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) द्वारा निकाले गए विज्ञापन पर मचे बवाल के बीच राज्य सरकार ने किसी भी तरह की शर्त मानने से इंकार कर दिया है। दारोगा बहाली को लेकर युवाओं की प्रमुख मांग थी कि सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए अधिकतम उम्र सीमा 26 वर्ष से बढ़ाकर 35 वर्ष की जाए। सरकार ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि वर्ष 2008 में हाई कोर्ट के निर्देशानुसार एक बार उम्र सीमा बढ़ाकर सामान्य वर्ग के लिए 35, ओबीसी के लिए 38 और एसटी-एससी के लिए 40 वर्ष की गई थी। भविष्य में उम्र सीमा क्रमश: 25, 28 और 30 ही रखने का प्रावधान किया गया था।

सरकार ने ये दी दलील

इस बार सामान्य वर्ग के लिए 26 साल, ओबीसी के लिए 28 और एसटी-एससी के लिए 30 साल की उम्र सीमा निर्धारित की गई है। गृह विभाग ने जारी एक रिलीज में कहा है कि अगर पूर्व के उदाहरण को मानकर अधिकतम उम्र सीमा में फिर से छूट दी जाती है, तो इससे पुलिस बल की कार्य क्षमता और उग्रवादियों के विरुद्ध कारगर अभियान का संचालन तथा विधि-व्यवस्था का संधारण गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना बनी रहेगी।

पंद्रह गुना रिजल्ट देने से नकारा

युवाओं की दूसरी मांग थी कि प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट पांच गुणा से बढ़ाकर पंद्रह गुना किया जाए। इस मांग पर सरकार का मानना है कि मुख्य परीक्षा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए यह जरूरी है कि अपेक्षित संख्या में शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ अभ्यर्थियों का चयन किया जाए, जो पांच गुणा में ही प्राप्त हो सकता है।

महिलाओं को 33 परसेंट रिजर्वेशन नहीं

इसके अलावा अंग्रेजी और हिंदी को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाकर परीक्षा का आयोजन करने, महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने तथा बाहर के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष करने की मांग को भी खारिज कर दिया गया है।