सबसे पीछे झारखंड पुलिस

यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार स्टेट में प्रति सौ पुलिसकर्मी को महज 0.85 गाड़ी ही सैैंक्शन है। साफ है इससे पुलिस की मोबिलिटी कम होगी। मोबिलिटी का परफॉर्मेंस से सीधा संबंध है। मोबिलिटी के लिए जरूरी है कि पुलिस के पास पर्याप्त संख्या में व्हीकल्स हों, लेकिन स्टेट में ऐसा नही है। हाल में जारी बीपीआरडी की  रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के पास अवेलेवल व्हीकल्स के मामले में झारखंड देश में सबसे पीछे है। स्टेट में प्रति 100 पुलिस पर सिर्फ 0.85 व्हीकल्स ही सैैंक्शन्ड हैैं जबकि एक्चुअल स्ट्रेंथ 1.09 है। ये संख्या नेशनल एवरेज से काफी कम है। नेशनल लेवल पर प्रति 100 पुलिस पर 6.95 गाड़ी हैं। रिपोर्ट के अनुसार एक जनवरी 2013 तक स्टेट में सिर्फ 628 व्हीकल्स थे।

Response time पर पड़ता है असर
इसका असर रिस्पांस टाइम पर भी दिखता है। सराफ कमिटी की रिपोर्ट में पुलिस का मैक्सिमम रिस्पांस डीले टाइम पांच मिनट होने का सजेशन दिया गया था। लेकिन स्टेट में इस सजेशन का दूर-दूर तक असर नहीं दिखता। कैग द्वारा 2008 में स्टेट के पांच डिस्ट्रिक्ट्स में किए गए एक ऑडिट के मुताबिक स्टेट में पुलिस का एवरेज रिस्पांस टाइम 234 मिनट पाया गया। उस दौरान नक्सल अफेक्टेड डिस्ट्रिक्ट पलामू
में सबसे ज्यादा एवरेज रिस्पांस टाइम रिकॉर्ड किया गया था। कैग रिपोर्ट में पुलिस के इस रिस्पांस टाइम को बेहद अनसैटिस्फैक्टरी बताया गया था।

16 हजार से ज्यादा पद हैं खाली

स्टेट पुलिस फोर्स में हजारों पद खाली हैं। बीपीआरडी की रिपोर्ट के अनुसार स्टेट पुलिस का कुल सैैंक्शन्ड स्ट्रेंथ 73 हजार 664 है जबकि एक्चुअल स्ट्रेथ सिर्फ 57 हजार 361 है। स्टेट में प्रति लाख पॉपुलेशन मात्र 178.36 पुलिस के भरोसे है। जबकि सैैंक्शन्ड स्ट्रेंथ 229.05 है। स्टेट में एक जनवरी 2013 तक इंस्पेक्टर लेवल के 156 पद खाली थे वही एसआई लेवल के 1642 और एएसआई लेवल के 643 पद खाली थे। स्टेट में हेडकांस्टेबल और कांस्टेबल लेवल के भी करीब 10 हजार से ज्यादा पद खाली हैं।

 

रिपोर्ट के बारे में मुझे अभी जानकारी नहीं है। मैैं इस मामले में कोई कमेंट नहीं कर सकता।
-अनुराग गुप्ता, आईजी, प्रोविजन

Report by: jamshedpur@inext.co.in