RANCHI : राज्यसभा चुनाव के तीन माह बाद दो प्रमुख रिजनल पार्टियों के बीच क्रॉस वोटिंग को लेकर गहरी खाई खुद गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी पर सीधा हमला बोला है। पार्टी महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने आरोप लगाया है कि झामुमो के प्रत्याशी बसंत सोरेन को हराने के लिए बाबूलाल मरांडी की मिलीभगत से पार्टी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसी वजह से समीकरण न होते हुए भी भाजपा के दूसरे प्रत्याशी महेश पोद्दार की जीत हो गई थी।

पैसे लेकर वोटिंग का आरोप

इस पूरे प्रकरण में पार्टी विधायक प्रदीप यादव और प्रकाश राम के साथ-साथ झामुमो ने पहली बार बाबूलाल मरांडी को भी घसीट लिया है। श्री पांडेय ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि बाबूलाल मरांडी शामिल नहीं थे, तो उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। गौरतलब है कि झाविमो के महासचिव सुनील साहू ने बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और प्रकाश राम पर क्रॉस वोटिंग में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि दोनों विधायकों ने पैसे लेकर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया.इसके विरोध में श्री साहू सहित आठ कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

भाजपा को मिला फायदा, जीत ली दोनों सीटें

विनोद पांडेय ने कहा कि जो दलीय स्थिति थी, उसमें भाजपा से एक और झामुमो से एक प्रत्याशी की जीत होनी थी लेकिन क्रॉस वोटिंग की वजह से भाजपा के दोनों प्रत्याशी जीत गये। झामुमो ने जब विपक्षी दलों से समर्थन मांगा था, तो सभी ने समर्थन का भरोसा दिया था। बसंत सोरेन के पक्ष में तीस वोट मिलने की संभावना थी। लेकिन उस दौरान सत्ता के दुरुपयोग और पैसे का जो खेल हुआ, वह अब स्पष्ट हो रहा है। श्री पांडेय ने कहा है कि अगर श्री मरांडी ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की, तो झामुमो आगे साथ चलने पर अपनी रणनीति तय करने को बाध्य होगा और अपनी राह अलग करेगा।

बिट्टू सिंह पर कांग्रेस कर रही कार्रवाई

कांग्रेस विधायक बिट्टू सिंह द्वारा वोट नहीं दिये जाने पर श्री पांडेय ने कहा कि कांग्रेस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। विधायक चमरा लिंडा को भी भाजपा ने वोट देने से रोका था। इस संबंध में भी पार्टी जांच कर रही है।