1- जेएनयू के प्रशासनिक ब्लॉक के निकट बिरयानी पकाकर संस्थान के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में यूनीवर्सिटी के अधिकारियों ने चार छात्रों पर जुर्माना लगाया है। मुख्य प्रॉक्टर कौशल कुमार की ओर से जारी नोटिस के अनुसार चार छात्रों पर 6,000 रुपये और 10,000 रुपये के बीच जुर्माना लगाया गया है। इन छात्रों ने जून में भवन के निकट कथित रूप से बिरयानी पकायी थी। छात्रों को जारी आदेश में कहा गया, प्रॉक्टोरियल जांच में आपको प्रशासनिक ब्लॉक के निकट भोजन बिरयानी पकाने और इसके बाद अन्य छात्रों के साथ इसे खाने का दोषी पाया गया है। इसमें इस तरह के कार्य को गंभीर प्रकृति का बताते हुए सख्त कार्वाई की बात कही गयी है।
2- 9 फरवरी, 2016 के दिन जेएनयू के कैंपस में कुछ छात्रों ने आतंकी अफजल की मौत के बाद एक रैली का आयोजन किया था। आयोजन में अफजल हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा है, तुम कितने अफजल मारोगे हर घर से अफजल निकलेगा जैसे देश विरोधी नारों का प्रयोग किया गया था। इस कार्यक्रम को उमर खालिद नाम के एक छात्र ने करवाया था। जिसके बाद पूरे देश में जेएनयू को लेकर खूब बवाल हुआ था।
3- जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदेश कुमार ने जेएनयू के छात्रों के भीतर देशभक्ति का भाव जगाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों से सेना का एक टैंक मांगाया था। यह मांग जेएनयू में पहली बार आधिकारिक तौर पर मनाए गए करगिल विजय दिवस के कार्यक्रम में की गई थी। जिसके बाद छात्रों ने जेएनयू में वीसी के विरोध में खूब हंगामा काटा था। जेएनयू वाइस चांसलर का कहना है कि टैंक लगाकर भारतीय सेना के जवानों की शहादत को याद दिलाया जाएगा. जो लोग जेएनयू के छात्रों को देशविरोधी या देशद्रोही मानते हैं।
4- जेएनयू में एक बार फिर कंट्रोवर्सी खड़ी हुई है। दशहरे के दिन कांग्रेस की स्टूडेंट विंग नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया एनएसयूआई के मेंबर्स ने जेएनयू में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी चीफ अमित शाह, बाबा रामदेव, साध्वी प्रग्या, योगी आदित्यनाथ, आसाराम, नाथुराम गोडसे के पुतले जलाए गए। स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एम जगदेश का पुतला भी जलाया। जेएनयू में एनएसयूआई मेंबर्स की ओर से इन पुतलों को जलाकर दशहरा मनाया गया। इन स्टूडेंट्स का कहना है कि केंद्र में रहकर जो नाकामयाबी मोदी की है, उसे देखते हुए उनके पुतले को रावण के रूप में जलाया गया।
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