रहता है साझेदारी का दबाव
भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी माना है कि फिनिशर की भूमिका सबसे मुश्किल कामों में से एक है। उन्होंने कहा कि ऐसा 'निपुण' खिलाड़ी तलाशना कठिन है जो निचले क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत तक ले जाए। धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे वनडे मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'इस तरह के विकेट पर निचले क्रम पर बल्लेबाजी करना सबसे कठिन काम है। ऐसे में स्ट्राइक रोटेट करने और साझेदारी बनाने का भी दबाव होता है। यह आसान नहीं है। आपको हमेशा ऐसा बल्लेबाज नहीं मिलता जो पांचवें, छठे या सातवें नंबर पर अच्छी बल्लेबाजी कर सके।'

ढह गई थी पूरी टीम

261 रन के लक्ष्य के सामने अजिंक्य रहाणे (57) और विराट कोहली (45) ने यहां भारत को अच्छी शुरुआत दी। इसके बावजूद एक समय दो विकेट पर 128 रन बनाकर अच्छी स्थिति में नजर आ रही भारतीय टीम 48.4 ओवर में 241 रन पर ढेर हो गई। निचले क्रम में अक्षर पटेल (38) और अमित मिश्रा (14) ने कुछ उम्मीद जगाई, लेकिन रन आउट की वजह से वे इसे मैच जिताने वाली साझेदारी में नहीं बदल सके।

बल्ले पर नहीं आती गेंद
मध्य क्रम के अनुभवहीन बल्लेबाजों को लेकर और संयम बरतने की बात करते हुए धोनी ने कहा, 'लक्ष्य का पीछा करते हुए इस तरह के विकेट पर बल्लेबाजी करना कठिन होता है। आपको उन्हें समय देना होगा। वे अपना रास्ता तलाशेंगे। इस तरह के ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने के बाद वे लक्ष्य का पीछा करना सीख जाएंगे। इस तरह के विकेट पर जब स्कोर ज्यादा न हो तब आपको साझेदारियों की जरूरत होती है। दो नई गेंदों के साथ शुरुआत में बल्लेबाजी आसान थी, लेकिन विकेट धीमा होने के बाद गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी और ऐसे में रोटेट करना मुश्किल हो गया था। जब आप साझेदारियां करते हो तो यह आसान हो जाता है। यदि ऐसे में विकेट गिरते हैं तो इससे दबाव बढ़ता है। गेंदबाज सही क्षेत्र में गेंदबाजी करके मुश्किल खड़ी करते हैं।'

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