फिल्मों से पांच साल का ब्रेक लेकर सियासत की दुनिया में कदम रखने और वहां से मोह भंग होने पर वापस माया नगरी लौटने वाले अभिनेता गोविंदा का कहना है कि राजनीति में कदम रखना उनके जीवन का सबसे खराब निर्णय था.
उत्तरी मुंबई से वर्ष 2004 में सांसद चुने गए 47 वर्षीय गोविंदा मानते हैं कि सियासत उन्हें रास नहीं आई. गोविंदा ने बताया, ‘‘मैंने खुद को करिशमा कपूर की जगह राम नायक के साथ काम करते हुए पाया। वह मेरे लिए वाकई बहुत मुश्किल वक्त था। उस दौरान मेरा वजन बढक़र 108 किलोग्राम हो गया था। जब मैंने सियासत छोडऩे का निर्णय लिया तो मेरे लिए वजन घटाना बहुत मुश्किल था.’’
बॉलीवुड अभिनेता ने कहा, ‘‘कभी-कभी कुछ चीजें आपको रास नहीं आती हैं और मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मैं इसे कोई गंदा खेल नहीं कहूंगा लेकिन यह जरूर कहूंगा कि अगर आपकी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है तो आपके लिए वहां बने रहना मुश्किल है। वह मेरे जीवन का सबसे दुखभरा समय था। मैं खुश हूं कि उस दुनिया से बगैर कोई दाग लगे बाहर निकल आया.’’
‘राजा बाबु’, ‘कुली नंबर’, ‘हीरो नंबर’ और ‘पार्टनर’ जैसी हिट फिल्में करने वाले गोविंदा अब वापस अपनी दुनिया में लौट आए हैं. अपनी नई फिल्म लूट में वह मिमोह चक्रवर्ती और श्वेता भारद्वाज जैसे नए कलाकारों के साथ नजर आ रहे हैं। फिल्म आज ही रिलीज हुई है।
गोविंदा ने अपनी नई फिल्म के बारे में बात करते हुए बताया, ‘‘इस फिल्म के लिए मुझे 30 किलोग्राम वजन घटाना पड़ा था। हमारे निर्देशक रजनीश ठाकुर फिटनेस का बहुत ख्याल रखते हैं। वह पूरे क्रू को सुबह पांच बजे जगा कर जॉगिंग पर ले जाते थे। मेरे लिए वजन कम करना बहुत जरूरी था क्योंकि नए अभिनेता अपनी सेहत को लेकर बहुत जागरूक हैं.’’
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