RANCHI : झारखंड सरकर के एक करोड़ के ईनामी भाकपा-माओवादी के शीर्ष नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य सुधाकरण उर्फ ओगू सम्वागी उर्फ किरण की तलाश तीन जिलों की पुलिस और सीआरपीएफ की टीम कर रही है। झारखंड पुलिस को पता चला है कि झारखंड-छत्तीसगढ़ पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ी को घेरा तो पता चला कि उसने अपना ठिकाना बदल लिया है।

नहीं करता मोबाइल का इस्तेमाल

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार माओवादी संगठन के विस्तार और मजबूत बनाने की जिम्मेवारी जब से सुधाकरण को मिली है, उसने गढ़वा जिले में झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा से सटे करीब 52 किलोमीटर में फैले बूढ़ा पहाड़ को ही अपना कैंप बना रखा है और वहीं से संगठन के कमांडरों को दिशा-निर्देश जारी करता है। माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य सुधाकरण ने अपने कमांडरों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने की सख्त हिदायत दी है। वह अपने कमांडरों को दिशा-निर्देश भी दूत के माध्यम से जारी करता है।

पहाड़ के टॉप पर बनाया कैंप

बताया जाता है कि सुधाकरण के दस्ते ने जिस ऊंचाई पर अपना शिविर बनाया है, वह उसके लिए काफी सुरक्षित है, क्योंकि जैसे ही नीचे से सुरक्षा बल की ओर से किसी अभियान की शुरुआत की जाती है, ऊपर बैठे नक्सलियों को इसकी भनक लग जाती है और विस्फोट की घटनाओं को नक्सली अंजाम देने लगते हैं, जिसके कारण जवानों को पीछे हटना पड़ता है।

लैंड माइंस बिछाने में एक्सपर्ट है पत्नी

बूढ़ा पहाड़ी के शीर्ष पर महीनों से शिविर बनाकर रह रहे सुधाकरण के दस्ते में उसकी पत्‍‌नी नर्मदा और जया के अलावा करीब 150 से 200 नक्सलियों के मौजूद रहने की जानकारी पुलिस को मिली है। नर्मदा को भी माओवादी संगठन में शीर्ष कमांडर का दर्जा प्राप्त है, वहीं जया लैंड माइंस विस्फोट में विशेषज्ञ मानी जाती है। उसी की देखरेख में पूरे बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के कच्चे रास्ते में एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों लैंड माइंस, केन बम और आईईडी बम बिछा कर रखे गए हैं।

नक्सलियों से मुक्त होगा बूढ़ा पहाड़

इस बार सीआरपीएफ के प्रशिक्षित जवानों के सहयोग से झारखंड के गढ़वा, लातेहार और पलामू जिले के अलावा छत्तीसगढ़ की ओर से भी पूरे बूढ़ा पहाड़ एरिया को घेर लिया गया है। सुधाकरण का दस्ता ग्रामीणों के वेशभूषा में किसी तरह से सुरक्षित बच कर निकलने के प्रयास में जुटा है, यही कारण है कि सुरक्षाकर्मी आने-जाने वाले हर ग्रामीण पर विशेष नजर रख रहे हैं। यदि नक्सलियों का दस्ता बच कर निकलने में कामयाब भी हो जाता है, तब भी बूढ़ा पहाड़ का यह इलाका पूरी तरह से नक्सलियों से मुक्त हो जाएगा।

तलाश में आंध्र प्रदेश जाएगी झारखंड पुलिस

माओवादी कमांडर सुधाकरण आंध्र प्रदेश का रहने वाला है। ऐसे में पुलिस अब आंध्रप्रदेश स्थित घर जाकर पूरे मामले की तहकीकात करेगी। पुलिस का कहना है कि अब सुधाकरण को बख्शा नहीं जाएगा। हर हाल में उसकी गिरफ्तारी होगी, भले ही वह बचने के लिए कितना ही ठिकाना बदल ले।