- सिटी में डेली 3 से 4 एरिया में जंफर उड़ने के कारण कट रही घंटों बिजली

- सिटी के कम से कम 25 हजार घरों में जुगाड़ के जंफर हो रहा है उजाला

GORAKHPUR: सिटी में जब भी बिजली कटती है और पब्लिक पता करती है तो पता चलता है कि कहीं न कहींफॉल्ट हो गया है। इस लोकल फॉल्ट को ठीक करने में दो से तीन घंटा लग जाता है। आई नेक्स्ट ने जब इस लोकल फॉल्ट की तहकीकात की तो खुलासा हुआ कि लोकल फॉल्ट में सबसे अधिक जंफर का कमाल होता है। कॉर्पोरेशन की मानें तो रोजाना डेली ख् से फ् एरिया में जंफर उड़ने के कारण दो से तीन घंटे बिजली गुल होती है।

रात में ही उड़ता है जंफर

स्थान- राजघाट पुल के पास

लाइन- फ्फ् हजार वोल्ट

बरहुआं से रुस्तमपुर सब स्टेशन पर दो फीडर से बिजली सप्लाई की जाती है। यह फीडर यूं तो ठीक काम करता है, लेकिन राजघाट पुल के पास अक्सर जंफर उड़ जाता है। यहां जंफर उड़ने की सबसे खास बात यह है कि यह दिन या सामान्य मौसम में नहीं बल्कि भीषण गर्मी ही उड़ता है। फ्फ् हजार वोल्ट की इस लाइन का जैसे ही जंफर उड़ता है सिटी के कम से कम क्भ् हजार घरों की बिजली गुल हो जाती है। इसे ठीक करने में विभाग को कम से कम भ् से म् घंटे का समय लग जाता है।

यहां खड़े होने में डर लगता है

स्थान- गीता प्रेस चौराहा

लाइन- ब्ब्0 केवीए

लालडिग्गी सब स्टेशन से गीता प्रेस एरिया में ब्ब्0 वोल्ट की फीडर से बिजली सप्लाई की गई है। लालडिग्गी तिराहे के पास जुगाड़ का जंफर लगा है। केबल का जंफर बना दिया गया है। यहां के लोगों ने बताया कि अक्सर शाम के जंफर से जबरदस्त चिंगारी निकलती है। कई बार तो लोग डर कर चौराहा खाली कर देते हैं। चिंगारी निकलने के बाद कभी-कभी तो भ् से क्0 मिनट के लिए तो कभी फ्-ब् घंटे के बिजली गुल हो जाती है।

इस दो गुना ओवर लोड से आखिर कब मिलेगी निजात

स्थान- मोहद्दीपुर

लाइन- ब्ब्0 केवीए

यह फीडर अक्सर बवाल का कारण बनता है। मोहद्दीपुर एरिया में बिजली सप्लाई करने वाले इस फीडर का जंफर अक्सर शाम को उड़ जाता है। यहां के लोगों का कहना है कि शाम 7 से 8 बजे के बीच इस फीडर से चिंगारी निकलती है और दो से तीन घंटे के लिए बिजली गुल हो जाती है। बिजली विभाग की मानें इस फीडर पर तय लोड से दोगुना लोड होने की वजह से इस फीडर का जंफर उड़ जाता है।

दो तरह के होते हैं जंफर

बिजली सप्लाई करने वाले फीडर पर दो तरीके से जंफर लगाए जाते हैं। एसडीओ चंद्रशेखर का कहना है कि फ्फ् हजार और क्क् हजार वोल्ट की लाइन पर डॉग कंडक्टर जंफर लगाया जाता है और ब्ब्0 या ख्ख्0 वोल्ट के फीडर पर विजल कंडक्टर जंफर लगाया जाता है। डॉग कंडक्टर जंफर हैवी होता है, जहां एलटी लाइन की फीडर का जंफर अधिक उड़ता है वहां डॉग कंडक्टर जंफर लगा दिया जाता है।

हाई वोल्टेज और पक्षियों के कारण उड़ते हैं जंफर

जंफर का काम बिजली बाइपास करके दूसरी लाइन में बिजली देना होता है। पोल के पास बिजली में रुकावट आ जाती है, वहां की सप्लाई को बाइपास कराकर दूसरे तार में दिया जाता है। यह जंफर बहुत ही सेंसिटिव होता है। थोड़े से

करंट के झटके से भी यह जंफर उड़ जाता है। जेई अनूप पांडेय का कहना है कि जंफर तीन तरीके से उड़ते हैं।

तो इन कारणों से उड़ते हैं जंफर

- सबसे पहला कारण फीडर पर लोड ज्यादा होना होता है। जैसे ही लोड बढ़ता है जंफर से चिंगारी निकलनी शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति बन जाती है कि जंफर उड़ जाता है।

-दूसरा कारण है पक्षियों का जंफर पर बैठना। पक्षियों के इस पर बैठने से ये हिल जाते हैं और ढीले हो जाते हैं। जरा सा भी करंट इन जंफर्स पर लगता है ये उड़ जाते हैं।

-तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण बिजली के पोल से गाडि़यों का टकराना होता है। टक्कर के बाद तार भले ही न टूटे, लेकिन जंफर जरूर टूट जाते हैं।

कॉर्पोरेशन की लापरवाही से उड़ता है जंफर

बिजली विभाग के एक जेई नाम न छपने के शर्त पर बताया कि हर एरिया के पोल पर जंफर की जांच प्रतिमाह की जाए तो म्0 प्रतिशत जंफर उड़ने से बच सकते हैं। अगर समय पर जांच होती रहे तो ढीले जंफर कस दिए जाएंगे। साथ ही फीडर पर लोड बढ़ रहा है तो जांच के बाद जंफर की भी क्षमता बढ़ाई जा सकती है। वहीं पक्षियों के कारण टूटे हुए जंफर की मरम्मत की जा सकती है, लेकिन एक बार जंफर लगाने के बाद शायद ही कोई इसे चेक करने आता है। जब यह खराब होता है तभी बिजली विभाग के कर्मचारी इसकी मरम्मत कराने जाते हैं।