PATNA: गत दो दिनों से चल रहा जूनियर डॉक्टरों की स्ट्राइक समाप्त हो गया है। गुरूवार देर रात क्ख्.00 बजे से सभी ने काम पर वापस लौटकर अपनी सेवाएं देना पुन: शुरू किया। डॉक्टरों को रिहा करने के बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) ने यह फैसला किया। इससे पहले गुरूवार की दोपहर पटना मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा के साथ वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद देर शाम सचिवालय में प्रधान सचिव स्वास्थ्य आरके महाजन के साथ हुई बैठक में प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा और जेडीए के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत सकारात्मक रही। इसमें डायरेक्टर इन चीफ आजाद हिंद, जेडीए की ओर से प्रेसिडेंट डॉ विनय कुमार, डॉ आसिफ, डॉ अभिषेक, डॉ रमण शामिल थे।

आश्वासन मिला तो रूख बदला

जानकारी हो कि विगत दिनों बीसीईसीई की काउंसलिंग के दौरान चार मेडिकल छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। इनकी रिहाई की मांग जेडीए की ओर से की जा रही थी। इस बारे में जेडीए के प्रेसिडेंट डॉ विनय कुमार नें बताया कि मीटिंग के दौरान तीन बातों का भरोसा मिला। इसमें मामले की न्यायिक जांच, छात्रों पर एफआईआर वापस लेने और दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई। उन्होंने दो टूक कहा कि आगामी क्भ् दिनों तक यदि उक्त कोई कार्रवाई नहीं की गई तो फिर से आंदोलन खड़ा हो जाएगा।

पटरी पर लौटी चिकित्सा व्यवस्था

दूसरे दिन भी दिन भर स्ट्राइक के कारण पेशेंट बेहद परेशान रहे। इमरजेंसी और सामान्य चिकित्सा सेवा को नियमित रूप से संचालन प्रभावित था। देर रात डॉक्टरों के लौटने से पेशेंट्स ने भी राहत की संास ली है।