RANCHI : रिम्स के लिए राहत की बात है। हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह के आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। गौरतलब है कि शनिवार को एक पेशेंट की मौत के बाद उसके फैमिली मेंबर्स और जूनियर डॉक्टर्स के बीच रिम्स में मारपीट हुई थी। पेशेंट्स के फैमिली मेंबर्स के हंगामे के बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मीटिंग कर स्ट्राइक पर जाने का अल्टीमेटम दिया था।

48 घंटे का अल्टीमेटम

शनिवार को जूनियर डॉक्टर्स ने कहा था कि अगर रविवार को दोपहर एक बजे तक उन्हें सिक्योरिटी नहीं दी जाती है तो वे स्ट्राइक पर चले जाएंगे। रविवार को हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह के रांची से बाहर होने की वजह से जूनियर डॉक्टर्स ने अल्टीमेटम को 48 घंटे बढ़ा दिया था।

हेल्थ मिनिस्टर से मुलाकात

रिम्स डायरेक्टर डॉ एसके चौधरी के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार की शाम छह बजे हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह से मुलाकात की। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी डिमांड्स रखी, जिसे हेल्थ मिनिस्टर ने पूरा करने का आश्वासन दिया। हेल्थ मिनिस्टर के आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने स्ट्राइक पर नहीं जाने की घोषणा की।

नहीं बनी बात, रिम्स की नर्सेज करेंगी स्ट्राइक

रिम्स में कांट्रैक्ट पर काम कर रहीं नर्सेज 24 जुलाई की आधी रात से स्ट्राइक पर चली जाएंगी। सोमवार को हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ नर्सेज की वार्ता विफल हो गई। कांट्रैक्ट पर काम कर रही नर्सेज ने हेल्थ मिनिस्टर के पास परमानेंट करने की डिमांड रखी। हेल्थ मिनिस्टर ने इस बाबत कैबिनेट की मीटिंग में प्रपोजल रखने की बात कही, पर नर्सेज इसे मानने को तैयार नहीं हुईं। नर्सो के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से रिम्स में हेल्थ सर्विसेज चरमराने की आशंका है।

ब्लैक रिबन लगाकर कर रही हैं ड्यूटी

अपनी डिमांड्स को लेकर सोमवार से कांट्रैंक्ट पर बहाल नर्सेज काला बिल्ला लगाकर काम कर रही हैं। मंगलवार को नर्सेज पेन डाउन स्ट्राइक करेंगी। 23 जुलाई को डायरेक्टर ऑफिस के सामने नर्सेज का धरना देने का प्रोग्राम है। 24 जुलाई को नर्सेज रिम्स के इमरजेंसी सेक्शन से बरियातू थाना होते हुए पैदल मार्च करेंगी। इसके बाद आधी रात से वे स्ट्राइक पर चली जाएंगी।

यह है मामला

रिम्स में साल 2003 में कांट्रैक्ट पर 367 नर्सेज की बहाली हुई थी। ये नर्सेज पिछले 11 सालों से काम कर रही हैं, लेकिन इन्हें परमानेंट करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई। नर्सेज पिछले कई सालों से परमानेंट करने की डिमांड करती आ रही हैं। रिम्स गवर्निग बॉडी में इसपर सहमति भी बनी, पर उन्हें परमानेंट नहीं किया गया। सरकार की ओर से सिर्फ परमानेंट किए जाने का आश्वासन ही मिलता आ रहा है।