सीएम ने किए पवनसुत हनुमान के दर्शन, दरबार में टेका मत्था

ALLAHABAD: संत सम्मेलन के मंच के साथ ही पूरे पंडाल को भगवा मय किया गया था तो मंदिर निर्माण की आस में जोरदार तरीके से जय श्रीराम का जयकारा भी बुलंद किया गया। परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय, स्वामी चिन्मयानंद व महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जयकारा लगवाया। इतना ही नहीं सीएम के मंच पर पहुंचते ही सामने की दीर्घा से लगातार जय श्रीराम का जयकारा लगाया जाता रहा। उनका संबोधन जब समाप्त हुआ उस समय भी पंडाल में जय श्रीराम, जय श्रीराम का जयकारा पांच मिनट तक लगाया गया।

संत सम्मेलन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सीधे बंधवा स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर में पहुंचे। इसके पहले दिसम्बर महीने में भी सीएम मंदिर गए थे और पवनसुत का दर्शन किया था। उनके साथ कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह व नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी शामिल रहे। सीएम ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि के साथ पवनसुत का पूजन-अर्चन किया और आरती उतारी।

डिप्टी सीएम ने संतों का छुआ पैर

सम्मेलन स्थल पर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या पहुंचे तो उनके सामने पहली व दूसरी कतार में संत-महात्मा बैठे हुए थे। उन्होंने एक-एक संतों के पास जाकर उनका कुशल क्षेम पूछा और सभी का पैर छूकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। लेकिन जब डिप्टी सीएम स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के पास पहुंचे तो उन्होंने जमीन पर बैठकर उनकी पैर छुआ। यह दृश्य काफी देर तक चर्चा का विषय बना रहा।

प्रयागराज नाम करने का दिया आश्वासन

संत सम्मेलन की अध्यक्षता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की थी। अध्यक्षीय संबोधन देने के दौरान उन्होंने सीएम के सामने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने की बात रखी तो तत्काल ही योगी आदित्यनाथ ने इस पर जल्द ही निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने जौनपुर से इलाहाबाद आने वाले मुख्य द्वार का नाम गोरखनाथ व मिर्जापुर सहित फाफामऊ व कौशाम्बी की ओर से आने वाले मुख्य द्वार का नाम भी किसी महापुरुष के नाम पर करने की बात रखी।

सीएम को मिला चांदी का कलश

सम्मेलन के दौरान संत-महात्माओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ को भी सम्मानित किया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती व महंत नृत्य गोपालदास ने उन्हें कुंभ का प्रतीक चिन्ह चांदी का कलश भेंटकर सम्मानित किया।

लखनऊ से आया कंबल और शॉल

सीएम योगी आदित्यनाथ ने संतों को सम्मानित करने के लिए लखनऊ से ही कंबल व शॉल लेकर पहुंचे थे। इसकी जानकारी मंच संचालन कर रहे परिषद के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने दी तो हर कोई इस प्रयोजन की तारीफ करता रहा। खास बात रही कि सीएम ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के उन छात्र-छात्राओं को भी साधुवाद व धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने कुंभ के लोगो की आकर्षक तरीके से रंगोली बनाई थी।