- ट्रैफिक सुधारने को छोड़ सिर्फ चालान तक सीमित हुआ ट्रैफिक मंथ, चालान से रेवेन्यू बढ़ा लेकिन ट्रैफिक नहीं सुधरा
-सरकारी गािड़यों के नियम तोड़ने पर रहती है आंख बंद, चौराहों पर अवैध वेंडरिंग पर पर कोई नजर नहीं
KANPUR: ट्रैफिक मंथ शुरू हुए दो हफ्ते बीतने को आए, लेकिन ट्रैफिक सुधारने की यह पहल सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित हो गई है। इन 15 दिनों में ट्रैफिक सिस्टम में कहीं बेहतरी नजर नहीं आ रही है। शहर के प्रमुख चौराहों, क्रासिंगों पर पहले की तरह की जाम लग रहा है। जाम को खत्म करने की कोई रणनीति इन 15 दिनों में सामने नहीं आई। ट्रैफिक मंथ के दौरान बीते तीन सालों में चालान से आने वाला रेवेन्यू तो बढ़ा, लेकिन शहर में ट्रैफिक जैसा 'बीमार' था, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया।
तालमेल की कमी से बुरा हाल
दरअसल सिटी में ट्रैफिक का बुरा हाल होने की बड़ी वजह विभागों के बीच कोआर्डिनेशन की कमी भी है। शहर में आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस और पुलिस तीनों पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी है,लेकिन तीनों ही विभागों के पास मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान करने का अधिकार भी है। इसके बाद भी इनमें तालमेल दिखाई नहीं देता। आरटीओ अलग अभियान चलाता है। तो ट्रैफिक पुलिस अपना अभियान अलग चलाती है।
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चौराहों पर अतिक्रमण क्यों
ट्रैफिक मंथ में रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता के लिए ट्रैफिक पुलिस की तरफ से कई प्रयास किए जाने का दावा किया गया है। इसमें स्थानीय पुलिस का भी सहयोग होता है। इसके बाद अभी आधा ट्रैफिक मंथ बीत गया,लेकिन कहीं भी चौराहों पर कब्जा जमाएं अवैध वेंडरों को हटाने की कार्रवाई नहीं हुई। बाजारों में ट्रैफिक सुचारू तरीके से चले इसके लिए रोड पर कब्जा न हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित थाना क्षेत्रों की ही है। इसके बाद भी ट्रैफिक मंथ के दिन बीत रहे हों, लेकिन एक बार भी ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
डीआईजी सोनिया सिंह ने चलाया था अभियान
सरकारी वाहनों खासकर पुलिस कर्मियों के ट्रैफिक रूल्स की अवहेलना पर तत्कालीन डीआईजी सोनिया सिंह के आदेश पर कड़ी कार्रवाई हुई थी। कई पुलिस कर्मियों के चालान भी हुए। एसएसपी आफिस में बाइक सवारों को बिना हेलमेट इंट्री पर रोक लगा दी गई। साथ ही सीट बेल्ट लगाने की भी चेकिंग हुई,लेकिन उनके जाने के बाद आदेश का असर खत्म हो गया।
इन बिंदुओं पर कार्रवाई क्यों नहीं
- चौराहों पर अवैध वेंडरिंग पर
- चौराहों पर बस या टेम्पो रोक कर सवारी भरने पर
- रोड पर अतिक्रमण करने पर
- रामादेवी, रावतपुर, नौबस्ता में डग्गामार वाहनों पर
- ट्रकों की ओवरलोडिंग, ऑटो में ज्यादा सवारियां बैठाने पर
- रोडवेज बसों की डग्गामारी से लगने वाले जाम पर
- सरकारी वाहनों में सीट बेल्ट नहीं पहनने पर
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आरटीओ की सीमित कार्रवाई-
1 से 31 अक्टूबर के बीच कार्रवाई-
-रेड लाइट जंप करने पर एक भी कार्रवाई नहीं
- ओवरस्पीडिंग की एक भी कंपलेन रिपोर्ट नहीं
- मोबाइल फोन पर बात करते पकड़े पांच लोग
- ड्रिंक एंड ड्राइव का एक भी मामला नहीं पकड़ा
- 181 मामले ट्रकों की ओवरलोडिंग के पड़े गए।
- 32 लोगों के ओवरलोडिंग में लाइसेंस निरस्त करने की संतुति
- माल वाहनों में सवारी बैठाने के एक भी कार्रवाई नहीं
-395 लोग पकड़े गए बिना हेलमेट गाड़ी चलाते
- 380 की बिना हेलमेट गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर काउंसिलिंग हुई
- 300 लोग बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाते पकड़े
- 285 लोगों की इस मामले में काउंसिलिंग हुई
-259 को पकड़ा गया बिना इश्योरेंस कार्रवाई पर
नोट- सभी आंकड़े आरटीओ कानपुर संभाग आफिस से।
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