हाई कोर्ट से रिटायर होने के बाद पिछले साल 13 मई को मिली थी जिम्मेदारी

Governor को भेजा इस्तीफा, कहा स्वेच्छा से छोड़ रहा हूं पद

उत्तर प्रदेश लॉ कमीशन के चेयरमैन हाईकोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस रविन्द्र सिंह ने सोमवार को अपना पद छोड़ दिया। पिछले साल 13 मई को इस पद पर नियुक्त किए गए श्री सिंह ने अपना इस्तीफा गवर्नर को भेज दिया है। इस्तीफा उन्होंने वाया मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भेजा है और कहा है कि वह स्वेच्छा से इस पद को छोड़ रहे हैं। जस्टिस सिंह को राज्य विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्ति किए जाने से पूर्व उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त पद की दौड़ में शामिल थे।

मैनपुरी के मूल निवासी

जस्टिस सिंह मूलरूप से ग्राम मेदेपुर मैनपुरी जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने वर्ष 2004 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला था। अपने कार्यकाल के दौरान वह अधिक संख्या में मुकदमों के निस्तारण को लेकर चर्चा में रहे। बार और बेंच के बीच बेहतर सामंजस्य के चलते वह अधिवक्ताओं के बीच भी बेहद लोकप्रिय रहे। जस्टिस सिंह 3 जुलाई 2015 को हाई कोर्ट के जस्टिस पद से रिटायर हुए।

खुद वापस ले लिया था नाम

जस्टिस रविन्द्र सिंह का नाम 28 जनवरी 2015 को और चर्चा में आया। राज्य सरकार ने उनका नाम प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त करने के लिए प्रस्तावित कर दिया था। सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर लगती इसके पहले ही बखेड़ा खड़ा हो गया। राज्यपाल ने पहले फाइल लौटा दी। इसके बाद सरकार ने लोकायुक्त नियुक्ति का कानून ही बदल डाला। पहले लोकायुक्त का नाम सुझाने के लिए मुख्यमंत्री, नेता विपक्षी दल के साथ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को कमेटी में रखा गया था। चीफ जस्टिस ने ही जस्टिस सिंह के नाम पर आब्जेक्शन किया था। विवाद बढ़ने पर जस्टिस सिंह ने 18 सितंबर को खुद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद लोकायुक्त की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई।

31 अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट कर दिया था। मैं सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करना चाहता हूं। यह चूंकि चुनाव से ठीक पहले का समय था और तब रेजीग्नेशन का दूसरा मतलब निकाल लिया जाता। अब सब कुछ सामान्य है तो पद छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट होना बड़ा चांस है और मैं यह मौका मिस नहीं करना चाहता।

जस्टिस रविन्द्र सिंह

एक नजर में जस्टिस रविन्द्र सिंह

लोकायुक्त नियुक्ति विवाद से आए चर्चा में

जुलाई 15 में हाई कोर्ट इलाहाबाद से हुए थे सेवानिवृत्त

इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस रविन्द्र सिंह चर्चित चेहरा थे। कभी अधिवक्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय होने के कारण तो कभी सर्वाधिक मुकदमे निबटाने को लेकर

प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर उठे विवाद का चेहरा भी वही थे

विवाद बढ़ने पर उन्होंने खुद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लोकायुक्त पद को लेकर अपनी अनिच्छा जता दी थी