- पूर्वाचल समेत सूबे के विभिन्न संप्रेषण गृह में भेज गए हैं जुवेनाइल

-जिला प्रशासन की अगुवाई में चला ऑपरेशन शिफ्टिंग

- बागपत से देर रात्रि मिली अनुमति के बाद तैयार की कार्ययोजना

Meerut : मेरठ के बवाली का नया पता अब 'तड़ीपार' हो गया है। राजकीय संप्रेषण गृह में निरुद्ध 21 किशोरों को शनिवार सूबे के 12 अलग-अलग संप्रेषण गृहों में शिफ्ट कर दिया गया है। किशोर न्याय बोर्ड में शिफ्टिंग के लिए प्रोवेशन विभाग ने पि्रंसिपल मजिस्ट्रेट के सामने जो तथ्य रखे गए थे उनमें से प्रमुख संप्रेषण गृह और बाल सदन में की गई तोड़फोड़, लॉ एंड आर्डर को हाथ में लेना पुलिस व पब्लिक पर पथराव करना बताया था।

मेरठ के 11 बागपत के 10 किशोर भेजे

राजकीय संप्रेषण गृह में आए दिन हो रहे बवाल की वजह यहां निरुद्ध वे किशोर हैं जो आपराधिक और दबंग प्रवृत्ति के हैं। न्याय बोर्ड और हाईकोर्ट में दिए हलफनामें में प्रोवेशन विभाग ने स्वीकारा कि मेरठ और बागपत के 12-12 ऐसे किशोरों को चिह्नित किया गया है जो आए दिन संप्रेषण गृह के स्टॉफ को खदेड़कर, लूटपाट मचाते हैं और तोड़फोड़ और पथराव करते हैं। 2 मई की घटना के बाद प्रोवेशन विभाग ने मेरठ और बागपत के किशोर न्याय बोर्ड में 24 किशोरों को शिफ्ट करने की अर्जी दी। मेरठ के 12 किशोरों में से एक की रिहाई हो गई, जबकि 11 को शिफ्ट करने के आदेश प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ने दे दिए। बागपत में विभाग को कड़ी पैरवी करनी पड़ी, यहां शुक्रवार 10 किशोरों को शिफ्ट करने की अनुमति मिली। 12 की लिस्ट में से एक की रिहाई हो गई, जबकि एक का केस एडीजे कोर्ट में ट्रांसफर हो गया।

12 जनपदों में भेजे गए

मेरठ-बागपत के 21 बवाली किशोरों को सूबे के 12 जनपदों में भेजा गया। मुजफ्फरनगर में एक, बुलंदशहर में एक, नोएडा में दो, आगरा में एक, ललितपुर में एक, बस्ती में एक, गोरखपुर में एक, मऊ में एक, गोंडा में एक, बरेली में तीन, मुरादाबाद में दो और मथुरा स्थित राजकीय संप्रेषण गृह में तीन किशोरों को शिफ्ट किया गया है।

पहले भी हुई है शिफ्टिंग

आए दिन बवाल को लेकर चर्चा में रहे मेरठ के राजकीय संप्रेषण गृह से पूर्व में भी शिफ्टिंग होती रही है। नोएडा में संप्रेषण गृह बनने के बाद एक साथ 71 जुवेनाइल को शिफ्ट किया गया था। किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर चिह्नित तीन बवाली किशोरों को शिफ्ट किया गया। सितंबर 2015 में हरदोई, नवंबर 2015 और जनवरी 2016 में लखनऊ में एक-एक जुवेनाइल को शिफ्ट किया गया।

गूंज शासन तक, मची खलबली

आनन-फानन में की गई शिफ्टिंग की जानकारी किशोरों के परिजनों को नहीं हो सकी। दिन निकलने पर जैसे-जैसे किशोरों के परिजनों को शिफ्टिंग की खबर मिली, उन्होंने संप्रेषण गृह की ओर दौड़ लगा दी। परिजनों ने संप्रेषण गृह को घेर लिया तो वहीं शिफ्टिंग की खबर से शासन में खलबली मच गई। लखनऊ से फोन घनघनाए तो महिला एवं बाल आयोग ने भी पूरे प्रकरण की जानकारी डीपीओ से ली।

गत दिनों हुए घटनाक्रम में भूमिका उजागर होने के बाद किशोर न्याय बोर्ड में आवेदन दाखिल किया गया था। चिह्नित किशोरों को विभाग की ओर से विभिन्न जनपदों में शिफ्ट किया गया है।

पुष्पेंद्र सिंह, जिला प्रोवेशन अधिकारी