शहर के हाईप्रोफाइल और खौफनाक ज्योति हत्याकांड में हत्यारोपी मनीषा की बेल खारिज हो गई। ये तो आपको मालूम है, लेकिन आपको ये नहीं पता होगा कि आखिर किस सबूत के आधार पर कोर्ट ने उसकी बेल खारिज की, इस पर आपको बताते हैं कि कनेक्टिविटी मैप के आधार पर उसकी बेल खारिज हुई है। इस सबूत के आगे बचाव पक्ष की कोई भी दलील कारगर नहीं हुई और मनीषा की रिहाई का रास्ता रुक गया। अब आप सोच रहे होंगे कि ये कनेक्टिविटी मैप क्या है और पुलिस ने इसका इस्तेमाल क्यों किया, तो इसे जानने के लिए पढि़ए ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

मनीषा के खिलाफ बड़ा सबूत

ज्योति हत्याकांड में आरोपी मनीषा के खिलाफ ठोस सबूत जुटाना पुलिस के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था। पीयूष समेत अन्य आरोपियों ने पूछताछ में मनीषा के साजिश में शामिल होने की पुष्टि की थी, लेकिन उसे बिना सबूत के कोर्ट में साबित करना काफी मुश्किल था। जिसे देखते हुए पुलिस ने सभी हत्यारोपियों के कॉल डेटा रिकॉर्ड को खंगाला। जिसमें हत्यारोपी मनीषा के हत्या की साजिश में शामिल होने का सबूत पुलिस को मिल गया, लेकिन यह कड़ी काफी उलझी हुई थी। जिसे आसान बनाने के लिए पुलिस ने कनेक्टिविटी मैप का सहारा लिया। जिसके जरिए अब कोई भी इस कड़ी को आसानी से समझ सकता है। इस मैप से साफ पता चल रहा है कि ज्योति हत्याकांड की साजिश में मनीषा शामिल थी। पीयूष उसको हर अपडेट दे रहा था। डीजीसी संतोष यादव के मुताबिक कोर्ट ने इसी कनेक्टिविटी मैप के जरिए मनीषा के इस कांड में रोल को समझकर उसकी बेल खारिज की।

क्या है कनेक्टिविटी मैप

पुलिस ने हत्यारोपी पीयूष समेत अन्य आरोपियों के कॉल डेटा आधार पर कनेक्टिविटी मैप बनाया है। ये मैप एक साफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है। जिसमें हत्यारोपियों की हर कॉल को दर्शाकर उसकी चेन बनाई गई है। मसलन हत्यारोपी पीयूष ने मनीषा से बात करने के बाद ड्राइवर अवधेश से बात की और अवधेश ने पीयूष की कॉल के बाद किससे बात की, ये मैप के जरिए दर्शाया गया है। इस चेन को देखकर कोई भी आसानी से समझ सकता है कि किस तरह से पीयूष ने साजिश को अन्जाम दिया और कब-कब मनीषा को बात कर उसको अपडेट किया। हत्यारोपी पीयूष, मनीषा समेत अन्य आरोपी कई सिम का इस्तेमाल करते थे, इसलिए पुलिस ने एक और मैप बनवाया था। जिसमें हत्यारोपियों के हर मोबाइल नम्बर के आधार पर कनेक्टिविटी चेन बनाई गई है। जिससे साफ पता चलता है कि मनीषा हत्या की साजिश में शामिल थी।

कोर्ट ने बेल खारिज के आर्डर में किया है कोड

जिला जज मुख्तार अहमद की कोर्ट में हत्यारोपी मनीषा की बेल अर्जी पर सुनवाई हुई थी। जिसमें बचाव पक्ष ने मनीषा को बचाने के लिए कामिनी को फंसाने का पैतरा चला था। बचाव पक्ष ने मनीषा से पीयूष से कोई संबंध न होने का दावा किया था। उन्होंने मनीषा के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत और चेन ऑफ इवेंट न बनने की दलील भी कोर्ट में दी थी। जिसके जवाब में डीजीसी ने कनेक्टिविटी मैप को बतौर सबूत कोर्ट में पेश किया था। जिसकी काट बचाव पक्ष नहीं कर पाया। डीजीसी के मुताबिक इसी सबूत को संज्ञान में लेते हुए कोर्ट ने बेल अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने आर्डर में भी इस कनेक्टिविटी मैप को कोड किया है।

हाईकोर्ट में भी अभियोजन पक्ष की मदद करेगा मैप

बचाव पक्ष ने अब मनीषा की बेल के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी की है। डीजीसी संतोष यादव के मुताबिक हाईकोर्ट में मनीषा की अर्जी का कड़ा विरोध किया जाएगा। उसकी बेल अर्जी खारिज होने के आर्डर में कनेक्टिविटी मैप कोड है। वे इसी को आधार बनाकर उसकी बेल खारिज करने की अपील हाईकोर्ट से करेंगे। उनका कहना है कि मनीषा की बेल खारिज करने के लिए ये पर्याप्त आधार है।