-हत्यारोपी पीयूष, मनीषा समेत सभी आरोपियों को पेशी पर कोर्ट लाया गया

-सेशन में नहीं कमिट हो पाया मुकदमा, 24 दिसंबर की तारीख लगी

-पीयूष को विशेष सुरक्षा में लाने की अपील, अभियोजन ने कड़ा विरोध किया

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KANPUR :

सीएमएम कोर्ट में सोमवार को ज्योति हत्याकांड में डेढ़ घंटे बहस के बाद भी मुकदमा सेशन में कमिट नहीं हो पाया. बचाव पक्ष ने अधूरी नकल मिलने का हवाला देते हुए पूरी नकल दिलाने की अपील की, तो जवाब में अभियोजन पक्ष ने उन पर सुनवाई को लम्बा खींचने का आरोप लगाया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद ख्ब् दिसंबर की तारीख लगा दी.

ज्योति हत्याकांड की सुनवाई सीएमएम कोर्ट में चल रही है. हत्यारोपी पीयूष, मनीषा समेत सभी आरोपियों को पेशी के लिए कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया. दोपहर में करीब क्ख्.फ्0 बजे बहस शुरू हुई. बचाव पक्ष से एडवोकेट सईद नकवी, कमलेश पाठक समेत आधा दर्जन वकीलों ने बहस करते हुए दलील दी कि उन्हें अभी चार्जशीट की पूरी नकल नहीं मिली है, इसलिए मुकदमे को सेशन में कमिट न किया जाए. बचाव पक्ष ने कहा कि उन्हें आईडी प्रूफ, मृतका के मोबाइल नम्बर, सीसीटीवी फुटेज, फोरेंसिक रिपोर्ट समेत कई गवाहों के बयान की नकल नहीं मिली है, जबकि नियम के मुताबिक उन्हें पूरी नकल दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये केस सीडीआर पर आधारित है. पुलिस ने उसी के आधार पर पीयूष और मनीषा का आरोपी बनाया है. इसलिए उन्हें इसकी नकल दी जानी चाहिए. अगर उन्हें ये नकल उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो इसे केस से न जोड़ा जाए. जिसका अभियोजन पक्ष से एडवोकेट दामोदर मिश्रा ने कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष को नकल मिल गई है. उसकी मंशा केस को लम्बा खींचने की है. इसी वजह से वो अधूरी नकल मिलने की कहानी गढ़ रहे है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद ख्ब् दिसंबर की तारीख लगा दी.

स्पेशल सुरक्षा में लाया जाए हत्यारोपी पीयूष

एडवोकेट सईद नकवी ने हत्यारोपी पीयूष की जान को खतरा बताते हुए उसे स्पेशल कस्टडी में पेशी पर लाने की अपील की. उन्होंने कहा कि पीयूष को आम बंदियों के साथ न लाया जाए. इससे उसकी जान को खतरा हो सकता है. जिसका अभियोजन पक्ष से एडवोकेट दामोदर मिश्रा ने कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि पीयूष को पहले से ही विशेष सुविधाएं मिल रही है. उसने पत्नी की निर्मम हत्या करने का जुर्म किया है, इसलिए उसे आम बंदियों के साथ ही लाया जाए. कोर्ट ने इस पर भी फैसला सुरक्षित कर लिया है.