- ज्योति का मर्डर कैसे किया, इसपर पीयूष और बाकी अभियुक्तों के बयान अलग-अलग

-जानकारों के अनुसार अलग-अलग बयानों से पियूष को बचाने के लिए छोड़ी जा रही हैं संभावनाएं

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KANPUR (31 july)

ज्योति हत्याकांड में पुलिस ने वैसे तो पूरे मामले का खुलासा कर दिया है। लेकिन उसकी हत्या कैसे हुई इसको लेकर अभी भी आरोपियों की अपनी अलग अलग कहानी है। आईजी की प्रेस कांफ्रेस में पीयूष खुद कह चुका है कि वह हत्या के समय पीछे वाली सीट पर ज्योति के साथ मौजूद था। लेकिन बाकी चारों आरोपियों में से दो के बयान अलग-अलग हैं। क्या यह जानबूझ कर किया गया है, ताकि पीयूष के बच निकलने की संभावनाएं बनी रहें.? या फिर ये पीयूष के परिवार के रसूख का असर है, जो बाकी बेहद गरीब पृष्ठभूमि के हत्यारों को बलि का बकरा बनाने की कोशिशें की जा रही हैं।

पियूष ने कहा 'मैं कत्ल के दौरासाथ था'

ज्योति को लांग ड्राइव पर ले जाने के बहाने ही अवधेश को बुलाया था, रेस्ट्ररां से कंपनी बाग रावतपुर के बीच में अवधेश अपने साथी सोनू के साथ पहुंचा। उसके बाद मैं ज्योति को कार के पीछे ले गया। अवधेश और सोनू आगे की सीट पर बैठे थे। सोनू और अवधेश ने चाकू से ज्योति को मारा। इसके बाद मैं उतर गया।

अवधेश की कहानी- पीयूष ज्योति को हमें सौंपा ि1फर चला गया

रावतपुर- कंपनी बाग के बीच में मैं, सोनू और रेनू पहुंचे। पीयूष ने गाड़ी रोकी और उतरने लगा। इसी बीच ज्योति ने कहा कि पीयूष तुम गलत कर रहे हो। इसके बाद रेनू और सोनू पीछे की सीट पर बैठे और ज्योति का मुंह बंद कर उसे पीछे खींच कर सीट के नीचे दबा लिया। अवधेश गाड़ी चलाने लगा। सोनू ज्योति को पकड़े रहा और रेनू ने चाकूओं से हमला कर ज्योति को मौत के घाट उतार दिया।

रेनू की कहानी - ज्योति ने पीयूष के बाल नोचे थे

हम लोगों को पीयूष ने बीयर पीने के लिए भ्00 रुपए दिए थे। जिसके बाद रैना मार्केट में हमने बियर पी फिर रावतपुर में मैंगी खाई। इसके बाद हम कंपनीबाग से रावतपुर जाने वाली सड़क पर आए। हमें देख ज्योति समझ गई की उसकी जान खतरे में है। इस पर उसने पीयूष के बाल और टीशर्ट पकड़ कर कहा कि वह गलत ककर रहा है। इसके बाद पीयूष झटके से कार से बाहर निकला। अवधेश ड्राइविंग सीट पर और मैं व सोनू पीछे बैठ गए। ज्योति को पीछे खींचा और फिर दोनों ने ही एक चाकू से उसकी हत्या कर दी।

किसी ने भी नहीं लिया मनीष्ा का नाम

अवधेश सवा साल पहले तक मनीषा का ड्राइवर था। पीयूष को वह मनीषा के माध्यम से ही जानता था। लेकिन वो कहता है ज्योति की हत्या की साजिश बनने से लेकर उसकी हत्या हो जाने के बाद तक उसने कभी मनीषा से बात नहीं की। दरअसल चारो आरोपियों ने मनीषा की घटना में संलिप्तता को लेकर चुप्पी साध ली। रात भर में कुछ ऐसा जरूर हुआ कि मनीषा को मर्डर में बराबर का साझीदार बताने वाली पुलिस के दूसरे आरोपियों ने उसका एक बार भी नाम नहीं लिया।