श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर नृत्य नाटिका का मंचन

भगवान की लीलाओं को मंच पर किया प्रदर्शित

ALLAHABAD: भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की धूम संगम नगरी की फिजाओं में अभी भी बदस्तूर बह रही है। जन्माष्टमी के चौथे दिन भी विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की ओर से महोत्सव के अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से कमेटी प्रांगण में भव्य कार्यक्रम हुआ। जिसमें नृत्य नाटिका के जरिए भगवान श्री कृष्ण के जीवन को मंच पर प्रदर्शित किया गया। रविवार को हुए कार्यक्रम में नृत्य नाटिका के जरिए भगवान के जन्म से लेकर यमुना तट पर उनके महारास को बेहद ही प्रभावशाली ढंग से मंचित किया गया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। पूरे कार्यक्रम के दौरान दर्शक भी भक्ति भाव में डूबे नजर आए।

जय कन्हैया लाल की

नृत्य नाटिका के पहले दृश्य में कारागार में बैठे देवी और वसुदेव की व्यथा से हुई। भादो कृष्ण पक्ष की अंधेरी रात में भगवान का जन्म वासुदेव का गोकुल प्रयाण, गोकुल में यशोदा की गोद में नवजात कृष्ण को देने की कथा को भाव के साथ प्रस्तुत किया गया। दर्शक भी भगवान की लीला को देखकर आनंद से अभिभूत हो गए। इसके बाद गोकुल का उत्साह के उत्साह को प्रकाश के शानदार संयोजन से पेश किया गया। नाटिका में आगे ग्वाल बालों संग बाल कृष्ण और फिर युवा कृष्ण द्वारा ब्रज की गोपियों के साथ के प्रसंग को प्रस्तुत किया गया। भगवान कृष्ण के अनन्य प्रेम स्वरूप श्री राधा रानी के साथ उनके मिलन को काहे छेड़े मोहे मोहन गीत की धुन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। दर्शक भी प्रत्येक प्रसंग की प्रस्तुति पर भाव विभोर होते रहे।

प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत

श्रीकृष्ण शिक्षा एवं संस्कृति प्रचारिणी सभा की ओर से विज्ञान परिषद सभागार में प्रो। मृदुला त्रिपाठी की अध्यक्षता में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि कुलपति इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय प्रो। राजेन्द्र प्रसाद ने की। इस अवसर पर उन्होंने श्रीकृष्ण को पूर्ण विस्तार बताते हुए उनके चरित्र को प्रत्येक परिस्थिति, दृष्टि एवं समय में उपयोगी बताया। कार्यक्रम में श्री कृष्ण महोत्सव पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया। इसके भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम के दौरान दो चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संचालन डॉ। रमा सिंह और स्वागत संयोजक प्रो। उमाकांत यादव ने किया। आखिर में डॉ। आशा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ। अमिता सिंह, डॉ। अच्छे लाल, डॉ। राजेश कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।