न्यूयॉर्क के एक होटल में काम करने वाली इस महिला का नाम नफिसातू डिएलो है और उन्होंने न्यूज़वीक को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने 14 मई की घटना के बारे में सच बयान किया था।

यह इंटरव्यू ऐसे समय में आया है जब अधिकारी इस पूरे मामले में स्ट्रॉस कान के ख़िलाफ़ आरोपों को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि महिला की सच्चाई पर संदेह पैदा हो रहा है।

इन आरोपों के बाद 62 वर्षीय स्ट्रॉस कान को आईएमएफ के प्रमुख के पद से इस्तीफ़ा देना पडा था। वो अब भी महिला के आरोपों को निराधार बताते हैं।

कान का कहना है कि उनके और नफिसातू के बीच जो हुआ वो आपसी सहमति से हुआ था। कान के वकीलों का कहना है कि नफिसातू का इंटरव्यू सही नहीं लगता।

नफिसातू ने न्यूज़वीक से कहा, ‘‘ मैं चाहती कि वो जेल जाए। मैं चाहती हूं कि उन्हें ये पता चले कि कुछ जगहों पर ताकत का इस्तेमाल नहीं हो सकता। पैसे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.’’

गिनी से अमरीका आई 32 वर्षीय नफिसातू का कहना था कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने का डर था इसलिए वो कान के कमरे से भागी थीं। स्ट्रॉस कान ने कथित रुप से होटल के अपने कमरे में नफिसातू के साथ उस समय बलात्कार करने की कोशिश की जब नफिसातू कमरे की सफाई करने गईं।

हालांकि कान के प्रतिनिधियों का कहना है कि नफिसातू मीडिया प्रचार चला कर अभियोजन पक्ष पर दबाव बनाना चाहती हैं ताकि कान के ख़िलाफ़ मामला जारी रखा जा सके।

कान पर सात आरोप लगाए गए हैं जिसमें से दो यौन हिंसा, एक बलात्कार की कोशिश का और एक यौन प्रताड़ना का है। इसके अलावा तीन और आरोप भी लगाए गए हैं।

हालांकि अमरीका के कुछ अख़बारों के अनुसार यह मामला खत्म होने के कगार पर है क्योंकि अभियोजन पक्ष को लगता है कि नफिसातू ने ज्यूरी के सामने झूठ बोला है और उसके बयान में एकरुपता नहीं रही है। कान को एक जुलाई को नज़रबंदी से रिहा कर दिया गया था और उन्हें ज़मानत दे दी गई थी।

इस बीच फ्रांस के अधिकारियों ने फ्रांसीसी लेखक त्रिसतेन बैनन के उन आरोपों की जांच शुरु कर दी है जिसके अनुसार कान ने क़रीब दस वर्ष पहले उनका बलात्कार करने की कोशिश की थी।

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