डीपीएस पहुंचे विश्व शांति के अग्रदूत कैलाश सत्यार्थी

बच्चों ने पूछे मासूम सवाल, जवाब देते नम हो गई आंखें

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RANCHI (25 Sep) : जो बच्चों तस्करी के शिकार होकर दुनिया की इस भीड़ में कहीं खोकर रह जाते हैं, उनकी मांएं जब रोती हैं, तो किसी भी संवेदनशील इंसान का रोम-रोम कांप उठता है। किसी मां के आंख से अपने बच्चे के लिए निकले हुए आंसू दुनिया की किसी भी मुसीबत और कठिनाई से कहीं बड़ी है। विश्व शांति के अग्रदूत नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने सोमवार को जब रांची स्थित डीपीएस में इन पंक्तियों के साथ अपनी राय रखी, तो सभागार में मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। श्री सत्यार्थी बालश्रम एवं ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ शुरू की गई भारत यात्रा के क्रम में रांची आए थे। इस क्रम में डीपीएस में बच्चों के मासूम सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने बाल अपराध के खिलाफ उनकी मुहिम के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।

डॉ राम सिंह ने कहा, अणुकरणीय है पहल

डीपीएस के प्रिंसीपल डॉ राम सिंह ने श्री सत्यार्थी का स्वागत किया। उन्होंने बाल कल्याण के लिए शुरू किए गए बचपन बचाओ आंदोलन की सराहना करते हुए कहा कि बालश्रम को रोकने की श्री सत्यार्थी की मुहिम अनुकरणीय है। उन्होंने कन्याकुमारी से दिल्ली तक की भारत यात्रा के लिए श्री सत्यार्थी को हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। साथ ही कहा कि उनकी उपस्थिति विद्यालय के हर व्यक्ति के लिए गौरव की बात है।

सिलेबस में शामिल हो नैतिक शिक्षा : राज्यपाल

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने चिंता जताई है कि जिस देश में बच्चे भगवान के रूप माने जाते हैं, वहां आज उनकी सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना पड़ रहा है। 'बचपन बचेगा तो देश बचेगा' नारा देना पड़ रहा है, यात्रा करनी पड़ रही है। राज्यपाल सोमवार को बाल यौन उत्पीड़न तथा ट्रैफिकिंग के विरोध में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की 'भारत यात्रा' के रांची से शुभारंभ के मौके पर लोगों को संबोधित कर रही थीं। इससे पहले, कैलाश सत्यार्थी ने झारखंड में नक्सलियों द्वारा ¨हसा में बच्चों के इस्तेमाल पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यह मानवता के साथ अन्याय है। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भ्फ् फीसद भारतीय बच्चों के साथ क्8 साल से पहले किसी न किसी तरह का यौनाचार होता है। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने हरी झंडी दिखाकर रांची में भी भारत यात्रा की शुरुआत की। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि बाइस राज्यों में यह यात्रा क्क् हजार किमी तय होगी।