RANCHI राजधानी की बड़ी आबादी सप्लाई वाटर के नाम पर 'जहर' पी रही है। 2ासकर कांके डैम से सप्लाई होने वाली पानी में नाली और सेप्टिक टैंक का पानी घुल रहा है। ऐसे में यह सप्लाई वाटर इतना बदबूदार व प्रदूषित हो चुका है कि पीने लायक नहीं है। लेकिन, कांके व आसपास के इलाके की लगभग दो लाख आबादी कांके डैम के सप्लाई वाटर को पी रही है। इन इलाकों में सीएमपीडीआई, गांधीनगर समेत कई कॉलोनी भी शामिल हैं।

सालों से सफाई नहीं

कांके डैम की वर्षो से सफाई नहीं हुई। सफाई का काम एक बार शुरु हुआ 5ाी तो यह अधूरा रह गया। इससे डैम में गाद जमा हो गई है। आज भी यही पानी घरों में सप्लाई की जा रही है.शिबू सोरेन के मु2यमंत्री पीरिएड में इस मामले की जांच के आदेश दिए गए थे, पर इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। अब कांके डैम से जो पानी सप्लाई हो रही है उससे नहाने से 2ाुजली होती है।

डैम का होना था गहरीकरण

पिछले साल ही मु2यमंत्री रघुवर दास ने कांके और हटिया डैम को गहरा करने का निर्देश दिया था। हटिया डैम में गहरीकरण का काम तो हुआ पर कांके डैम में नहीं हुआ। इससे यहां गाद की समस्या बरकरार है। ऐसे में इस डैम का पानी प्रदूषित होने के साथ बदबू भी मार रहा है।

ट्रीटमेंट के बाद होती करत हैं वाटर सप्लाई

रांची नगर निगम के वाटर बोर्ड के असिस्टेंट इंजीनियर मुकेश कुमार ने बताया कि यदि कांके डैम में नाली का पानी जाता है तो इसे दि2ावाते हैं। वहीं गोंदा जलागार के इंजीनियर तपेश्वर चौधरी ने बताया कि कांके डैम से ट्रीटमेंट के बाद ही पानी की सप्लाई की जाती है। यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 5ाी है। पर कहीं-कहीं वह टूट गया है। इसके कारण गड़बड़ी हो रही है। इसके बावजूद वह डैम का इंस्पे1शन करेंगे और दे2ोंगे कि कहां से नाले का पानी आ रहा है।

हेल्थ के लिए खतरनाक है यह पानी

पर्यावरणविद डॉ नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि कांके डैम का पानी प्रदूषित है। इसमें नाली और सेप्टिक टैंक का पानी मिल रहा है। इस पानी में इकोलाई, बीकोलाई जैसे घातक बै1िटरिया होते हैं। इस पानी में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि ट्रीटमेंट के बाद 5ाी यह पीने के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके पानी से बदबू आती है। यह ठीक है कि इस पानी का ट्रीटमेंट होता है पर उसकी 5ाी एक लिमिट है। एक सीमा से ज्यादा प्यूरीफिकेशन 5ाी पानी को 'जहर' ही बनाना है।