दिव्‍यांग आर्जव के हौसले को सलाम,बिना आंखों के हाईएस्‍ट मार्क्स लाकर किया कमाल

दिव्यांग आर्जव ने 10वीं में हासिल किया टेन सीजीपीए
कानपुर के डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाले आर्जव से जो कोई भी मिलता है वो उसका कायल हो जाता है। एक प्रीमेच्योर बेबी के तौर पर साढ़े 6 महीने में जन्में आर्जव की कार्निया ठीक से डेवलप न होने के कारण वो देख नहीं सकता था। सीएसजेएम कानपुर यूनीवर्सिटी में काम करने वाले उसके पापा राजीव जैन और मां प्रज्ञा जैन ने बेटे की आंखों के लिए जो कुछ भी हो सकता था, सबकुछ किया लेकिन आर्जव ठीक न हो सका। आर्जव के मां बाप ने कभी हिम्मत नहीं हारी और कई स्कूलों द्वारा बेटे को एडमीशन न देने के बावजूद बेटे की अच्छी से अच्छी पढ़ाई के लिए उन्होंने कुछ भी करने की ठानी। बेटे को पढ़ाने के लिए बुक स्कैन करके उसे ई टेस्टबुक के रूप में परिवर्तित करना पाप राजीव के लिए सबसे बड़ा काम था। मां बाप की इसी मेहनत का ही नतीजा है कि टेंथ क्लास में आर्जव ने टेन सीजीपीए हासिलकर सबको चौंका दिया।

दिव्‍यांग आर्जव के हौसले को सलाम,बिना आंखों के हाईएस्‍ट मार्क्स लाकर किया कमाल

JAWS साफ्टवेयर का प्रयोग कर हाइएस्ट मार्क्स लाने वाला पहला स्टूडेंट
आर्जव ने सीबीएसई बोर्ड 12वीं के एक्जाम में जिस शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए 96 परसेंट मार्क्स हासिल किए हैं, उसे देखकर देश भर के हजारों लाखों ऐसे पेरेंट्स को भी उम्मीद की लौ दिखाई देगी, जिनके बच्चे आर्जव जैसी किसी समस्या से ग्रसित हैं। सीबीएसई द्वारा द्रष्िट बाधित स्टूडेंट्स के लिए 2 साल पहले ही लाए गए स्पेशल साफ्टवेयर JAWS - Job Access With Speech की मदद से आर्जव ने अपनी 12वीं की परीक्षा पास की है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के किसी भी वर्जन पर चलने वाले जॉस प्रोग्राम को यूज करने के लिए संबंधित स्टूडेंट को बोर्ड की प्री परमीशन से अपना कंप्यूटर या लैपटॉप एक्जाम में ले जाने की इजाजत होती है। एक डॉंगल यानि यूएसबी डिवाइस की मदद से जॉस साफ्टवेयर काम करता है, जिसमें स्टूडेंट्स, नॉर्मल या खास ब्रेल कीबोर्ड पर अपने सवालों के जवाब टाइप करता है और उसका कंप्यूटर स्क्रीन पर टाइप की जाने वाले हर एक टेक्स्ट मैटर को ऊँची आवाज में लगातार सुनाता रहता है। स तरह से स्टूडेंट्स अपने एक्जाम में आए सवालों के जवाब सवालों के जवाब कंप्यूटर पर दर्ज कर सकता है। CBSE के इलाहाबाद रीजन में पहली बार प्रयोग की गई इस खास तकनीक के द्वारा एक्जाम देकर हाईएस्ट मार्क्स लाने वाले आर्जव पहले छात्र बन गए हैं। इसके पहले तक द्रष्टि बाधित छात्रों को एक्जाम देने के लिए एक राइटर मिलता था जो उनकी ओर उनका एक्जाम पेपर लिखता था। अब कोई भी दिव्यांग स्टूडेंट बिना किसी की मदद लिए अपना एक्जाम खुद ही दे सकता है।

दिव्‍यांग आर्जव के हौसले को सलाम,बिना आंखों के हाईएस्‍ट मार्क्स लाकर किया कमाल

पढ़ाई के साथ साथ संगीत की फील्ड में बड़ा कर गुजरने की चाहत

बचपन से पढ़ाई में ढेरों दिक्कतें उठाने वाले आर्जव के लिए आज वो वक्त आया है कि वह फर्राटेदार अंगेजी में किसी भी फील्ड से जुड़े सवालों के जवाब देता है। साल 2016 की सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में आर्जव ने 96 परसेंट मार्क्स हासिल करके सच में आर्जव ने अपने मम्मी पाप का नाम रौशन किया है। अब आर्जव सेंट स्टीफन कालेज दिल्ली से हिस्ट्री ऑनर्स की पढ़ाई करना चाहता है। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड व बालश्री अवार्ड से नवाजे जा चुके म्यूजिक लवर आर्जव देश के एक फेमस म्यूजिक इंस्टीट्यूट ITC Sangeet Research Academy में एडमीशन लेकर उस्ताद राशिद खान संगीत की तालीम भी लेना चाहते हैं। इसके लिए वो जी तोड मेहनत भी कर रहे हैं।

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