-डीएम के आदेश के बाद भी किल्लत वाले क्षेत्रों में नहीं गए टैंकर

-पानी के लिए आधी रात से ही हैंडपाइपों पर लग जाती है लाइन

KANPUR : पानी की किल्लत दूर करने के लिए भले ही प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा हो, लेकिन असलियत यह है कि कई क्षेत्रों के लोग आज भी एक-एक बाल्टी पानी के लिए तरस रहे हैं। न कहीं प्रशासन की तरफ से कोई टैंकर भेजा गया और न ही प्यास बुझाने के लिए प्याऊ लगाए गए। यह सच्चाई है कि शहर में इस वक्त पानी के लिए हाहाकार मचा पड़ा है। आई नेक्स्ट ने ग्राउन्ड जीरो पर रियलिटी चेक किया तो सबसे ज्यादा खराब हालत दक्षिण क्षेत्र की दिखी, जहां दर्जनों मोहल्लों में पीने के पानी के लिए लोगों को सुबह से जूझना पड़ रहा है।

डीएम ने दिए थ्ो निर्देश

कानपुर दक्षिण में रविदासपुरम, जरौैली, बर्रा, रतनलाल नगर, हरी कॉलोनी, जूही, उस्मानपुर आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लगातार पेयजल संकट की शिकायतें प्रशासन को मिल रही हैं। अभी सोमवार को इस संबंध में डीएम कौशलराज शर्मा ने जलकल, नगर निगम और जल संस्थान के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर कई आवश्यक निर्देश दिए थे। डीएम ने कहा था कि जिन क्षेत्रों में पानी की किल्लत ज्यादा हो वहां टैंकर भेजकर वाटर सप्लाइर्1 की जाए।

हैंडपाइप पर लाइन लगी रही

डीएम का यह निर्देश 24 घंटे के अंदर ही हवा में उड़ता नजर आया। किल्लत वाले क्षेत्रों में एक भी पानी का टैंकर नहीं भेजा गया। वहां के लोग आज भी पानी के लिए हैंडपाइप पर लाइन लगाए खड़े दिखे। सबसे खास बात यह थी कि रविदासपुरम, जरौैली, बर्रा, रतनलाल नगर आदि क्षेत्र में कहने को तो कुल 33 हैंडपाइप लगे हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ आधा दर्जन ही पानी फेंक रहे हैं, शेष हैंडपाइप रीबोरिंग का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में वहां किस तरह से हालात बेहाल हैं आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं।

हैंडपाइप से गंदा पानी आ रहा

यही नहीं हरी कॉलोनी, जूही, उस्मानपुर, बारादेवी, दासू का कुआं नौबस्ता आदि क्षेत्रों में पांच हैंडपाइप ऐसे हैं जिनमें गंदा पानी आ रहा है, जो पीने लायक कतई नहीं हैं। ऐसे में इस क्षेत्र को वाटर टैंकर की बहुत ज्यादा जरूरत है। यहां के निवासी अनिल मिश्रा, संतोष सिंह, अविनाश पाण्डेय आदि ने बताया कि जलकल विभाग में टैंकर के लिए डिमांड भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इन लोगों को दूसरे क्षेत्रों में लगे हैंडपाइप से पानी लाना पड़ रहा है।

-----------------------

कहां लगे हैं प्याऊ

वैसे तो हर साल नगर निगम कुछ स्थानों पर प्याऊ लगाता था, लेकिन इस साल जब पानी की भीषण संकट सिर उठाए है तो दो-चार प्याऊ छोड़ और कहीं भी नहीं दिख रहे हैं। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि अभी तैयारी की जा रही है। अगले हफ्ते तक करीब 50 प्याऊ विभिन्न स्थानों पर लग जाएंगे।

---

हैंडपंप भी हो चुके हैं खराब

पानी के लिए मुसीबत का हाल यह है कि आधी रात में ही लोग हैंडपम्पों पर बाल्टियों व डिब्बों की लाइन लगा जाते हैं।

- अमित मिश्रा

नगर निगम और क्षेत्रीय पार्षद से पानी की समस्या दूर करने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

- अशोक वर्मा

अभी तो गर्मी शुरू हुई है, तीन माह इस तरह के जल संकट के बीच कैसे गुजरेंगे यह समझ में नहीं आ रहा है।

- भूपेन्द्र सिंह

इलाके में सिर्फ एक हैंडपाइप चल रहा है। बाकी छह हैंडपम्प खराब हो गए हैं। अगर उनको सुधारा जाए तो मुसीबत कम हो जाएगी।

- फजल अहमद

घर में खाना बनाने के लिए पानी लेने में करीब एक घंटा हैंडपाइप पर लाइन लगाकर पानी लेने में लग जाता है।

-नीलो

पीने के पानी के लिए कभी इतनी परेशानी नहीं हुई। इस बार क्षेत्र के दो हैंडपाइप को छोड़कर सब खराब चल रहे हैं।

-रनमन्ती देवी