26 साल का करुण चंडोक फार्मूला-वन रेसिंग ट्रैक पर एक नये इंडियन पोस्टर ब्वाय है. हालाकि बहरीन ग्रैंड प्रिक्स में हिस्पेनिया रेसिंग टीम के लिए अपने पहले फार्मूला-1 रेस में चंडोक कुछ खास नहीं कर पाए थे फिर भी चंडोक पर कई बाजियां लगी होंगी और इस फास्ट एंड फ्यूरियर गेम में उनकी मौजूदगी ही इंडिया के लिए बहुत बड़ा एचीवमेंट होगी. 

karun chandhok: poster boy of car racing in india

चंडोक पहली बार साल 2000 में तब सुर्खियों में आए जब एफ-1 मारुति सीरीज के 10 में से 7 रेस जीतकर वह नेशनल रेसिंग के चैंपियन बने. इसी के तुरन्त बाद 2001 में वे टीम इंडिया रेसिंग के लिए ट्रैक पर उतरने वाले यंगेस्ट फार्मूला-वन एशिया चैंपियन बन गए.

अगले दो सालों तक चंडोक ब्रिटिश फार्मूला-3 की चैंपियन टीम कार्लिन मोटरस्पोर्ट के साथ जुड़े रहे. 2004 में उन्होंने पहली बार टी-स्पोर्ट के लिए ब्रिटिश फार्मूला 3 सिरीज में एंट्री की और 14वें नम्बर पर रहे. यह वही साल था जब उस समय बेहद पापुलर रहे नारायण कार्तिकेयन के साथ उन्होने आरसी मोटरस्पोर्ट के लिए निसान के वर्ल्ड सीरीज के आखिरी दो राउंड में भी पार्टिसिपेट किया.

कार्तिकेयन के फार्मूला 1 में जाने के बाद चंडोक थोड़े समय के लिए फार्मूला रेनॉल्ट 3.5 सीरीज में आरसी मोटरस्पोर्ट के साथ भी जुड़े रहे. 2006 में वो रेनॉल्ट फार्मूला एशिया वी-6 के पहले चैंपियन बने. 2007 में डुरांगो के साथ एग्रीमेंट करके चंडोक ने GP-2 सीरीज में एंट्री की. GP-2 सीरीज में अपनी पहली जीत के लिए उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा और बेल्जियम के स्पा-फ्रैंकोरचैंप्स के स्प्रिंट रेस में वे पहले नंबर पर रहे.

karun chandhok: poster boy of car racing in india

2007 में ही नवंबर में रेड बुल रेसिंग फार्मूला वन टीम की ओर से उन्हें टेस्ट ड्राइविंग का इनविटेशन मिला. इसे उनके करियर का एक नया दौर माना जा सकता है. हालांकि, 2008 में वह जीपी 2 सीरीज के साथ जुड़े रहे और आई स्पोर्ट इंटरनेशनल टीम के लिए उन्होंने एक जीत हासिल की और ड्राइवर्स चैंपियनशिप में दसवां स्थान हासिल किया. सीजन के आखिर में उन्हें बेस्ट ड्राइविंग स्टाइल पुरस्कार से भी नवाजा गया.

चंडोक का करिअर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है. चंडोक 2008 में विजय माल्या की फोर्स इंडिया टीम के साथ जुड़े. 2009 में टीम के ड्राइवर फिशेला के फेरारी टीम में शामिल होने के बाद चंडोक उनकी जगह लेने के सबसे बड़े दावेदार थे लेकिन बाद में विटाटोनियो लियुजी को उनकी जगह शामिल कर लिया गया. हालाकि इससे फार्मूला वन रेसिंग में शामिल होने के उनके सपने को गहरा झटका लगा था लेकिन चंडोक ने इसके बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ी थी. आखिरकार 2010 स्पेन की हिस्पेनिया रेसिंग एफ 1 टीम के उनके साथ करार के बाद उनका यह सपना पूरा हुआ.