-काशी विद्यापीठ में ग्रेजुएशन में सीट्स बढ़ाने के डिसीजन का अब तक जारी नहीं हुआ ऑर्डर

-सीट बढ़ने की आस में स्टूडेंट्स काट रहे हैं कैंपस का चक्कर

VARANASI: यूनिवर्सिटी ने ग्रेजुएशन में एक बार फिर सीट्स बढ़ाने का डिसीजन तो ले लिया है लेकिन इससे रिलेटेड ऑर्डर अब तक जारी नहीं हुआ है। इसके चलते एडमिशन से वंचित रह गए स्टूडेंट्स परेशान हैं। वो ऑर्डर पहुंचने की आस में डेली कैंपस का चक्कर काट रहे हैं। बस सीट बढ़ जाए तो इनका भी बेड़ा पार हो जाए। बता दें कि सीट बढ़ जाने से न केवल उन स्टूडेंट्स को फायदा होगा जिनका परसेंटेज लो है बल्कि उनको भी लाभ होगा जो अच्छे कॉलेज में एडमिशन से वंचित रह गए हैं। अकेले काशी विद्यापीठ से एफिलिएटेड कॉलेजेज में सैकड़ों सीट्स बढ़ जाएंगी। इससे बनारस में स्थित म्क् कॉलेजेज में एडमिशन की उम्मीद लगाए स्टूडेंट्स लाभान्वित होंगे।

एडमिशन की मुराद को लगे पंख

यूनिवर्सिटी के फ्फ् परसेंट सीट्स बढ़ाने के डिसीजन से उन स्टूडेंट्स के चेहरे खिल उठे हैं जिनका एडमिशन फंस गया था। वो रेग्यूलर बेसिस पर एडमिशन की उम्मीद छोड़ चुके थे। ऐसे स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के इस डिसीजन ने खुश कर दिया है। डिसीजन के मुताबिक ग्रेजुएशन के प्रत्येक सेक्शन में ख्0 सीट्स बढ़ायी जाएंगी। यानि म्0 स्टूडेंट्स के सेक्शन में अब 80 सीट्स हो जाएंगी। इससे बीए, बीएससी व बीकॉम में एडमिशन का ख्वाब पाले कैंडीडेट्स लाभान्वित होंगे।

प्रेशर होगा कम

बारहवीं में ग्रेडिंग सिस्टम के चलते इस बार भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इसका प्रेशर यूनिवर्सिटीज और डिग्री कॉलेजेज में साफ दिख रहा है। खासकर ऐडेड व सेल्फ फाइनेंस्ड कॉलेजेज में। इनको सीट बढ़ाने के डिसीजन ने राहत दी है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के इस डिसीजन से ऐडेड व सेल्फ फाइनेंस्ड कॉलेजेज को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। वहां एडमिशन के प्रेशर को कम किया जा सकेगा। लेकिन जब तक ऑर्डर न हो जाए तब तक कोई फायदा नहीं होगा।

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इंफ्रास्ट्रक्चर से बेखबर

सीट्स बढ़ाने का डिसीजन लेने मात्र से ही काम नहीं चलेगा। यूनिवर्सिटी व इससे एफिलिएटेड कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाना होगा क्योंकि इसे बिना बढ़ाए एडमिशन ले लेना स्टूडेंट्स के साथ अन्याय करना होगा। इससे बात से कई प्रिंसिपल्स व स्टूडेंट्स भी इत्तेफाक रखते हैं। उनका मानना है कि पिछले कई सालों से हर बार एडमिशन के समय सीट्स बढ़ाने का डिसीजन ले लिया जाता है। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई डिसीजन नहीं लिया जाता है। पांच साल पहले जो स्थिति थी वही आज भी है। हां, कॉलेजेज की संख्या पहले से बढ़ी है जिसके कारण स्थिति कंट्रोल्ड है।

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सीट्स का लेखा-जोखा

कैंपस आ‌र्ट्स/सोशल साइंस कॉमर्स

काशी विद्यापीठ 9फ्8 क्फ्भ् क्भ्7

हरिश्चंद्र कॉलेज 700 ब्म्7 ब्80

यूपी कॉलेज ब्फ्0 7फ्0 क्ख्भ्

अग्रसेन कॉलेज क्क्00 ब्00 ख्भ्0

जगतपुर कॉलेज 87ख् फ्ख्0 फ्ब्0