CHAIBASA: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) का इतिहास एक बार फिर अपने आप को दोहराने के लिए तैयार है। यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ। आरपीपी सिंह का कार्यकाल मई के पहले पखवारे में समाप्त हो रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय का प्रशासनिक अमला एक और जांच को ठंडे बस्ते में डालने की लगभग पूरी तैयारी कर चुका है। विवि की ओर से जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज में आयोजित किए गए युवा महोत्सव के दौरान छात्रों की ओर से किए गए हंगामे की जांच के लिए वीसी की ओर से विश्वविद्यालय स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई। इस कमेटी ने अब तक इस मामले में अपनी रिपोर्ट नहीं दी है।

किया था घेराव

युवा महोत्सव का आयोजन ख्भ् से ख्7 मार्च तक किया गया। उद्घाटन सत्र के समापन पर कुछ छात्रों की ओर कुलपति का घेराव किया गया। विभिन्न मांगों को लेकर समारोह के बहिष्कार की घोषणा की गई। समापन समारोह के दौरान एक तरफ जहां करीम सिटी कॉलेज के अंदर भागीदार छात्रों के बीच प्रमाण पत्र वितरित किए जा रहे थे वहीं दूसरी तरफ बाहर छात्र पत्थर चला रहे थे। इस पूरे मामले को घोर अनुशासनहीनता मानते हुए जांच टीम का गठन किया गया। उम्मीद की जा रही थी कि जांच टीम की रिपोर्ट जल्द से जल्द पेशकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन अब तक रिपोर्ट ही तैयार नहीं हुई। यह स्थिति तब है, जब संबंधित कॉलेज की ओर से इस मामले में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी गई। बावजूद विवि की जांच टीम अब तक अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई। पूरा विवि प्रशासन अब चांसलर ट्राफी की तैयारियों में जुट गया है। जाहिर है ऐसी स्थिति में रिपोर्ट पेश करने का सवाल कहां पैदा होता है? कोल्हान विश्वविद्यालय में यह कोई पहला मामला नहीं है। कई बार अलग-अलग जांच कमेटियों की रिपोर्ट बेहद खामोशी से ठंडे बस्ते में डाल दी गई।

नहीं मिली रिपोर्ट : प्रोवीसी

विवि की ओर से मामले की जांच के लिए प्रतिकुलपति डॉ। रणजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी गई। इसमें विवि प्रशासन के दो और अधिकारियों को शामिल किया गया था। प्रतिकुलपति ने कहा कि टीम के सदस्यों की ओर से घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था लेकिन अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी गई है। संबंधित रिपोर्ट के आधार पर ही फाइनल रिपोर्ट तैयार कर कुलपति कार्यालय को भेजी जानी है। चांसलर ट्राफी में अधिकारियों की व्यस्तता के कारण इसमें कुछ और समय लग सकता है।