1253 एकड़ जमीन का मुकदमा जीता, 2006 में करीब 200 किसान हाईकोर्ट से ले आए थे स्टे

-स्टे खारिज कराने में मिली सफलता, पीएमएवाई के साथ अन्य हाउसिंग स्कीम लाएगा केडीए

KANPUR: आने वाले दिनों में केडीए को प्रधानमंत्री आवास योजना या अन्य हाउसिंग स्कीम के लिए जमीन की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। लगभग 1253 एकड़ जमीन के एक विवाद में केडीए को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जाजमऊ-रूमा साइड गंगा और जीटी रोड के बीच के 12 गांवों की इस जमीन के स्टे को हाईकोर्ट से खारिज कराने में केडीए सफल हो गया है।

12 वर्ष से चल रहा स्टे

दरअसल डेवलपमेंट बोर्ड के समय सीवेज स्कीम्स के अंर्तगत मवैया, जाना, शेखूपुर, पैबन्दी, कुलगांव, रूमा, चकेरी, जाजमऊ सहित करीब 12 गांवों की ग्राम समाज की जमीन पट्टे पर किसानों को दी गई थी। इस जमीन पर किसान खेती करते थे। वर्ष 2005 में केडीए ने पट्टों को फर्जी ठहराते हुए ग्राम समाज की करीब 1253 एकड़ जमीन पर दावा किया था। केडीए वीसी के.विजयेन्द्र पॉण्डियन ने बताया कि विरोध जताते हुए साहब लाल सहित लगभग 200 किसानों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल कर दी। हाईकोर्ट से वर्ष 2006 में उन्हें स्टे मिल गया। पिछले दिनों हाईकोर्ट से इस स्टे को खारिज कराने में केडीए सफल हो गया है।

एक लाख से अधिक मकान

प्रधानमंत्री आवास योजना के अ‌र्न्तगत 1.41 लाख लोगों ने केडीए ने फॉर्म जमा किए हैं। इनके लिए मकान बनाने में केडीए के सामने सबसे बड़ी समस्या जमीन की है। अगर जाजमऊ-रूमा साइड स्थित 12 गांवों की 1253 एकड़ ग्राम समाज जमीन केडीए को मिल जाती है तो समस्या हल हो जाएगी। क्योंकि 1253 एकड़ जमीन पर एक लाख से अधिक मकान आसानी से बनाए जाएंगे। इसके साथ इलाहाबाद जीटी रोड किनारे इन गांवों की जमीन पर कामार्शियल प्रोजेक्ट भी लाए जा सकते हैं।

''हाईकोर्ट से साहबलाल सहित अन्य किसानों को मिला स्टे खारिज हो गया। किसानों को फसल काटने के लिए 15 दिन का टाइम दिया गया। इसके बाद जमीन पर कब्जा ले लिया जाएगा। इस जमीन पर पीएमएवाई के तहत मकान व हाउसिंग स्कीम लाई जाएगी.''

के.विजयेन्द्र पॉण्डियन, वीसी केडीए