मुंबई के अंधेरी उपनगर के अंबोली इलाके में 20 अक्टूबर 2011 रात करीब 10.30 बजे कीनन सांटोस अपने पाँच दोस्तों के साथ एक होटल से खाना खाकर निकले थे.

खाना खाने के बाद सब दोस्त होटल के नज़दीक ही, पान की दुकान पर गए. कीनन के साथ उनके दोस्त रुबेन फ़र्नांडिस, उनके भाई बेंजामिन फ़र्नांडिस, अविनाश सोलंकी, प्रियंका फ़र्नांडिस और अन्य दो महिला दोस्त भी थे.

जब वह सब पान की दुकान पर खड़े बातचीत कर रहे थे, तभी वहाँ कुछ लोग आए और कीनन के महिला दोस्तों से छेड़खानी शुरू कर दी.

कीनन ने उनका विरोध किया और कहासुनी के बाद छेड़छाड़ करने वाले लोग वहाँ से चले गए.

लेकिन वह जल्द ही हथियार और 20 अन्य लोगों के साथ लौट आए. सबने कीनन पर हथियारों से हमलाकर उन्हें मौके पर ही मार डाला.

जब कीनन को बचाने के लिए रुबेन बीच में आए तो उन्हें भी गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. दस दिन बाद इलाज के दौरान अस्पताल में रुबेन की भी मौत हो गई थी.

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पुलिस ने इस सिलसिले में चार लोगों को हत्या के आरोप में तथा 17 लोगों को दंगा फ़ैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने यह मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया था.

कीनन के दोस्तों का कहना था कि जब कीनन और रुबेन पर हमला हो रहा था, तब होटल के वेटर तथा अन्य लोग सिर्फ़ देख रहे थे. कोई भी मदद के लिए नहीं आया.

यहाँ तक कि पुलिस भी काफी देर से मौके पर पहुँची थी.

अभियुक्तों के नाम जीतेंद्र राणा, सुनील बोथ, सतीश दुगरास और दीपक पिसवल हैं.

बोथ, दुगरास और पिसवाल जो लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में सफ़ाई कामगार के तौर पर काम करते थे. उन्होंने अपने बयान में कहा कि वो उसी कॉलोनी में एक बर्थडे पार्टी में थे तभी राणा ने उनके पास आकर कहा कि चार लोगों ने उसे मारा है.

ये सुनकर वे चारों, उस जगह पर गए. वहीं एक नारियल वाले के दो बड़े चाकू दुगरास ने लिए और उसमें से एक राणा को दिया.

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बोथ और पिसवल ने स्टंप और हॉकी स्टीक हाथ में ली थी. राणा और दुगरास कीनन-रुबन के पास गए और उन्हें चाकू से बुरी तरह मारकर उनकी ह्त्या कर दी.

डीएन नगर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक ने बताया कि अविनाश सोलंकी और बेंजामिन फर्नांडिस को हॉकी स्टिक से मारा गया था, इसलिए उनकी जान बच गई.

इस घटना के वक्त पास के रेस्तरां में 20-25 लोग मौजूद थे. मगर एक बैरे को छोड़कर कोई भी कीनन और रुबिन की मदद के लिए सामने नहीं आया.

आस-पास से गुज़र रही टैक्सी और रिक्शा ड्राइवर भी मदद के लिए नहीं आए.

हालांकि आम्बोली किचन एंड बार रेस्तरां स्टाफ़ का कहना है कि उन्हें रेस्तरां के भीतर इस भयानक घटना का पता ही नहीं चला और जब उन्हें ख़बर मिली तब तक ये हादसा हो चुका था.

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