रोजाना भर्ती हो रहे हैं एक दर्जन से अधिक हार्ट पेशेंट

स्मोकिंग और तनाव है अहम कारण, लाइफ स्टाइल में बदलाव से दूर होगा खतरा

ALLAHABAD: दिल को जवान रखना है तो स्मोकिंग और तनाव से दूरी बना लीजिए। इनकी अधिकता आपके जीवन को खतरा पहुंचा सकती है। फिलहाल हॉस्पिटल पहुंचने वाले दिल के मरीजों को देखकर यही कहा जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि लाइफ स्टाइल में बदलाव करना जरूरी हो गया है। बेहतर खानपान और एक्सरसाइज से दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।

कम उम्र में पड़ने लगे बीमार

पहले चालीस साल से ऊपर के लोगों में हार्ट अटैक या दूसरी दिल की बीमारियों का खतरा देखा जाता था। लेकिन, अब यह एज ग्रुप घटकर 35 साल तक आ गया है। इस उम्र के मरीज एसआरएन हॉस्पिटल के कार्डियोलाजी विभाग में दस्तक दे रहे हैं। रोजाना भर्ती होने वाले 10 से 15 मरीजों में दिल की बीमारी का मेन कारण स्मोकिंग सामने आ रहा है। दूसरे नंबर पर तनाव है। हालांकि, कई लोगों ने स्वीकार किया कि तनाव को दूर करने में लिए वह नशे का सेवन करते हैं।

ऐसे होगा बचाव

- रोजाना कम से कम आधे घंटे जरूरी है व्यायाम।

- नमक की कम मात्रा का भोजन में उपयोग।

- कम फैट वाले आहार का सेवन जरूरी।

- मांस का सेवन करने वालों में हार्ट अटैक का खतरा 35 फीसदी अधिक होता है।

- सिगरेट, तंबाकू और शराब से दूर रहना जरूरी।

- शून्य ट्रांस फैटी एसिड्स वाले खाद्य तेल का करें उपयोग।

- रोजाना सात घंटे की नींद जरूर लें।

- कैफीन की मात्रा कम करें और काली या हरी चाय का सेवन करें।

- गर्मियों में आठ से दस गिलास पानी पिएं।

इन छह लक्षणों से रहिए होशियार

-सीने में दर्द या दबाव का अनुभव।

-नींद लेने के बावजूद आलस व थकान होना।

-पैर के पंजे, टखने या अन्य हिस्सों में सूजन का होना।

-सर्दी का लगातार बने रहना।

-बार-बार चक्कर आना।

-सांस लेने में कठिनाई महसूस होना।

फैक्ट फाइल

12 से 15 मरीज एसआरएन के कार्डियोलॉजी विभाग में रोजाना भर्ती होते हैं

100 से 150 मरीज ओपीडी में आते हैं मरीज

40 से 45 ईको जांच होती है रोजाना

2 फीसदी हैं जनसंख्या में कुल हार्ट के मरीज

युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा स्मोकिंग और तनाव की वजह से बढ़ रहा है। लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। खानपान बेहतर हो और रोजाना एक्सरसाइज करने से दिल को हमेशा जवान रखा जा सकता है।

-डॉ। राजपाल, कार्डियोलाजिस्ट, एसआरएन हॉस्पिटल

लोगों की लाइफ स्टाइल काफी रफ हो गई है। वह दिनभर आफिस में बैठकर काम करते हैं कसरत नही करते। यह गलत है। फिजिकल वर्क करना जरूरी है।

-डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन, बेली हॉस्पिटल