जिस तरह से अरविंद केजरीवाल पर उन्हीं की आम आदमी पार्टी के बागी नेता एक के बाद एक आरोप लगाते जा रहे हैं उससे अब शक होने लगा है कि जब अरविंद इतने ही गलत किस्म के इंसान थे तो वो कौन सा लालच था जो तथाकथित ऊंचे मूल्यों वाले ये नेता उनसे लंबे समय से जुड़े रहे. क्योंकि हैरानी के बात है कि चार साल के लंबे अर्से में लोग अरविंद को नहीं पहचान सके. पार्टी की हार के बाद भी नहीं समझ सके ओर अब जबरदस्त जीत और सत्ता मिलने के बाद अचानक सारी कमिया सामने आने लगी हैं. नवीनतम आरोप की कड़ी में कभी अरविंद के ऊपर कांग्रेस के साथ सत्ता का गठजोड़ करने का आरोप लगाने वाले आप के निष्काषित नेता राजेश गर्ग नया का दावा है कि जो पिछली बार चुनाव हुआ था. उस समय उनके पास एक बीजेपी के बड़े नेता के यहां से फोन आया था और वो फोन फेक था जिसे अरविंद केजरीवाल ने प्लान करके करवाया था.  

राजेश गर्ग का कहना है कि केजरीवाल ने अपने लोगों से अपने ही विधायकों को झूठे फोन कराए और पैसे का लालच दिया. उन्होंने ये भी बताया कि इन सबका आरोप भाजपा नेताओं पर लगाया गया. कभी अरविंद केजरीवाल के बड़े समर्थक कहे जाने वाले राजेश गर्ग अब उनके ही खिलाफ आरोपों की झड़ी लगाए हैं. गर्ग ने केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि निजी नंबरों से आप विधायकों को फर्जी फोन कराए गए और 10 करोड़ रुपए का लालच दिया.

 

गर्ग के मुताबिक 49 दिन की आप सरकार गिरने के बाद केजरीवाल ने फिर से सरकार बनाने के लिए अपने ही कई विधायकों को फर्जी फोन कराए और उन्हें करोड़ों रुपये का लालच दिया. गर्ग ने ये भी बताया कि इन सबका आरोप भाजपा नेता अरुण जेटली और नितिन गडकरी पर लगा दिया गया. राजेश गर्ग की मानें तो उसके पास अरुण जेटली के नाम से दस करोड़ का ऑफर आया था और उसकी लिखित में शिकायत प्रशांत विहार थाने में की. अगले दिन मीटिंग में उनके अलावा दूसरे विधायकों ने भी बात रखी की उनके पास फोन आए. जिसे सुनकर अरविंद मुस्कराए और बात टाल दी. जब पुलिस ने जांच में एक लड़के को पकड़ा तो केजरीवाल के पीए का फोन आया और संजय सिंह का फोन आया कि लड़के को छुड़वाओ. इससे साफ था कि ये फोन आम आदमी पार्टी ने ही करवाया था.

इससे पहले भी आप के इन्हीं पूर्व विधायक गर्ग ने आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुई बातचीत का टेप जारी कर हंगामा खड़ा कर दिया था. टेप में केजरीवाल गर्ग को कांग्रेस विधायकों को आप के पक्ष में तोड़ने की बात कर रहे थे ताकि दिल्ली में दोबारा आप की सरकार बनाई जा सके. राजेश ने इस दावे के बाद अपनी जान को भी खतरा बताया.

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