-लोगों के विरोध को देखते हुए मिसलेनियस चार्ज कम या खत्म करने का दिया आदेश

-80 हजार से अधिक इलेक्ट्रिसिटी बिल में लगाया गया था करोड़ों रुपए का मनमाना मिसलेनियस चार्ज

KANPUR: हजारों लोगों के इलेक्ट्रिसिटी बिल में लगाए गए करोड़ों रुपए के मनमाने मिसलेनियस चार्ज से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद बन गई है। लोगों के विरोध के बाद केस्को अफसरों ने यू टर्न ले लिया है। नियमानुसार मिसलेनियस चार्ज वसूलने या खत्म करने या कम करने आदि की जिम्मेदारी डिवीजनल ऑफिसर्स को दे दी है।

भारी बिल देख शुरू हुआ विरोध

इसी महीने केस्को ने अचानक 80 हजार से अधिक इलेक्ट्रिसिटी बिल में मिसलेनियस चार्ज लगा दिया। इसके पीछे वजह बताई की वर्ष 2015 में जनवरी से मार्च के बीच आईडीएफ केसेज की बिलिंग 120 यूनिट प्रति किलोवॉट प्रति महीना के हिसाब से की गई थी। जबकि यूपीपीसीएल ने आईडीएफ केसेज की बिलिंग 155 यूनिट प्रति किलोवॉट प्रति महीना कर दी थी। केस्को में यह आदेश अप्रैल, 2015 में लागू हुआ था। इसको लेकर ऑडिट ऑब्जेक्शन भी किया गया था। इसी वजह से 3 महीने का एरियर मिसलेनियस चार्ज के रूप में वसूलने के लिए फरवरी में बिलिंग की गई है। इससे 2 किलोवॉट के कनेक्शन पर 1008 रुपए तक बढ़ गए थे। इसी तरह किसी का बिल 1000 हजार रुपए से अधिक बढ़ गया तो हजारों बिल में सैकड़ों रुपए बढ़ गए। लोगों ने भारी भरकम बिल देखा तो उनका माथा चकरा गया। इसको लेकर लोग विरोध करने लगे। उन्होंने सबस्टेशन व डिवीजन ऑफिस में जाकर अफसरों से विरोध जताया। केस्को मुख्यालय में भी विरोध के सुर गूंजने लगे।

केस्को की गलती पब्लिक क्यों भुगते

लोगों का कहना था कि आईडीएफ बिलिंग से पहले और बाद में भी उनका बिजली खर्च 120 यूनिट प्रति किलोवॉट नहीं हुआ है। खराब मीटर बदलने के लिए पैसा भी जमा कर चुके थे। मीटर केस्को ने नहीं बदले फिर सजा हमें क्यों दी जा रही है? इसी तरह कई लोगों ने कहा कि पूरे तीन महीने उनका मीटर खराब ही नहीं रहा। खराब मीटर पहले ही बदल गया था। फिर 3 महीने का मिसलेनियस चार्ज क्यों दें? बिलिंग हिस्ट्री देखकर अफसर लोगों की बात मानने को मजबूर हो गए। जिससे केस्को अफसरों को यू टर्न लेना पड़ा। उन्होंने सभी एक्सईएन को आदेश दिया है कि नियमानुसार ही मिसलेनियस चार्ज वसूला जाए।