-अंग कटे तो जल्द से जल्द पहुंचे प्लास्टिक सर्जन के पास

-केजीएमयू में अबतक डॉक्टर्स ने 211 मरीजों के अंग जोड़ संवारी जिंदगी

LUCKNOW@ienxt.co.in

LUCKNOW:

मौजूदा समय में हाथ, पैर कटने का सबसे बड़ा कारण रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट हैं। अंग कटने के बाद जुड़वाने और इलाज के लिए केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पहुंचने वाले 60 परसेंट से अधिक केस रोड एक्सीडेंट के ही हैं। यह जानकारी बुधवार को रीइंप्लांटेशनलॉजी विषय पर आयोजित सीएमई में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ। एके सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि यदि ड्राइविंग के दौरान नियमों का पालन और रोड सेफ्टी मीजर्स को अपनाया जाए तो इन दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।

211 मरीजों की संवारी जिंदगी

डॉ। एके सिंह ने बताया कि केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में मरीजों के कटे अंगों को दोबारा जोड़ते हुए (रीइंप्लांटेशन) 20 साल हो गए हैं। इस दौरान कुल 211 मरीजों के अंगों को दोबारा जोड़ है। जिसमें ज्यादातर मरीजों के अंग बहुत अच्छी कंडीशन में हैं और लगभग पहले की तरह काम करने लगे हैं। उत्तर भारत में लंबे समय से अंगों के रीइंप्लांट करने वाला यह पहला संस्थान है और यहां से पढ़कर पूरे देश व विदेश में लोगों की जिंदगी बचा रहे हैं। डॉ। एके सिंह ने बताया हाथ, पैर या अन्य अंग पूरी तरह अलग हो जाएं या आंशिक रूप से कटे तो इंतजार ना करें। जितनी जल्दी हो सके केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पहुंचे। अंग और मरीज को पहुंचाने में जितनी देरी होगी उसे जोड़ने में सफलता कम ही होती जाएगी। बताया यह बहुत मेहनत का काम है जिसमें माइक्रोस्कोप से खून की नलियों, तंत्रिकाओं को 40 गुने से अधिक बड़ा करके घंटो की मेहनत से जोड़ा जाता है।

कटे अंग में कुछ न लगाएं

विभाग के डॉ। विजय कुमार ने बताया कि अंग कटने पर घाव की जगह पर कुछ न लगाएं। कई बार लोग खून को रोकने के लिए मिट्टी, दवा, या कोई लोशन लगा लेते हैं। इससे उस जगह पर कोशिकाएं, खून की नलियां और तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं और बाद में कटे हुए अंग को जोड़ने में बहुत मुश्किल होती है। अंग कटने पर घाव के स्थान पर साफ कपड़ा रखें। ब्लीडिंग बंद हो जाएगी। उसके बाद जितना जल्दी हो सके कटे अंग के साथ प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पहुंचे जहां पर अंग को जोड़ा जा सके। पहुंचने में जितनी देरी करेंगे अंग के जुड़ने के चांसेज उतने ही कम होते जाएंगे।

फिर से जुड़ेगी स्कैल्प

अमृतसर से आए डॉ। रवि महाजन ने बताया कि कई बार पट्टे या अन्य मशीनों में बाल फंसने से सिर के बाद चमड़ी या स्कैल्प के साथ बाहर आ जाते हैं। सिर की हड्डी दिखने लगती है। ऐसा होने पर तुरंत उस बाल पर लगी हुई खाल को लेकर जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि मरीज की स्कैल्प को दोबारा लगाया जाता है और खून की नलियां व नसें जोड़ दी जाती हैं। इसकी बजाय यदि दूसरे अंग से स्किन लगाई गई तो उसमें बाल नहीं लग पाएंगे।

ऐसे करें कटे अंग की देखभाल

1. कटे अंग को सबसे पहले साफ पानी से धोएं, रगड़े नहीं

2. उसमें साफ पानी या नार्मल सलाइन से भीगी पट्टी या साफ कपड़े से लपेटें

3. उसके बाद उसे एक पॉलीथीन बैग में रखें

4. इस बैग को बर्फ के बैग या कंटेनर में रखें

5. साफ पानी, कपड़ा न मिलने पर अंग को सीधे पॉलीथीन बैग में रखकर टाइट बंद करें

6. अंग को सीधे पानी या बर्फ के संपर्क में रखे।

ऐसे करें प्रभावित अंग की देखभाल

1. प्रभावित अंग पर पट्टी या साफ कपड़ा रख बांध दें

2. ब्लीडिंग रोकने के लिए मिट्टी या अन्य पदार्थ न लगाएं

3. प्रभावित अंग पर पट्टी ब्लड से भीगने पर उसे हटाने की बजाए ऊपर दूसरी मोटी पट्टी बांध दें।

4. प्रभावित अंग को ऊंचाई की तरफ रखें, नीचे न लटकाएं

5. प्रभावित अंग पर रस्सी या कोई अन्य चीज न बांधे