-अपर मुख्य सचिव ने दिए केजीएमयू को निर्देश

-बैठक कर केजीएमयू समेत सभी संस्थानों में आग से बचाव के इंतजाम पर मांगी रिपोर्ट

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी हॉस्पिटल में रैंप बनाया जाएगा। साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी सीढि़यां भी बनाई जाएगी। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ। अनिता भटनागर जैन ने यह निर्देश केजीएमयू रजिस्ट्रार को दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने केजीएमयू सहित अन्य चिकित्सा संस्थानों को भी मॉक ड्रिल, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने आदि निर्देश दिए हैं।

सेफ्टी के लिए बनाएं कैलेंडर

रजिस्ट्रार केजीएमयू को आग दुर्घटना से बचाव के लिए एक टेम्पलेट ऑफ एक्शन बनाने का निर्देश भी दिया गया है। साथ ही सभी संस्थानों को सेफ्टी के लिए मंथ वाइस कलेंडर ऑफ एक्टिविटी भी 10 दिनों में बनाने का आदेश जारी किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी स्थानों पर एक माह के अंदर मॉक ड्रिल कराए जाने और उपकरण चलाने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की बात भी कही।

सभी इमारतों में बनेंगे रैंप

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो भी इमारतें निर्माणाधीन हैं, उनमें रैंप व अग्निशमन से संबंधित प्रावधान कार्यदायी संस्थाएं चेक कर अवगत कराएं। प्लॉनिंग के समय ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि रैंप और इमरजेंसी सीढि़यां बिल्डिंग के अलग-अलग हिस्सों में हों ताकि इमरजेंसी में किसी एक का तो यूज किया जा सके। मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के सभी वार्ड में एक खिड़की ऐसी हो जिससे जरूरत पड़ने पर लोगों को बाहर निकाला जा सके।

10 दिन में सौंपे रिपोर्ट

अपर मुख्य सचिव ने यह निर्देश भी दिया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार की ओर से हॉस्पिटल की आपदा सुरक्षा के लिए जारी गाइड लाइन के आधार पर सभी संस्थान और कार्यदायी संस्थाएं 10 दिन में सूचना तैयार करें।

बनाया जाए एक प्रभारी

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि प्रत्येक संस्थान में एक व्यक्ति को प्रभारी बनाया जाए। साथ ही इमारतों में लगे फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर एक सप्ताह में अवगत कराया जाए। बैठक में डीजी मेडिकल एजूकेशन, एसजीपीजीआई, डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के निदेशक, केजीएमयू के रजिस्ट्रार, सीएनडीएस के निदेशक और यूपी आवास एवं विकास परिषद के अधिकारी मौजूद रहे।

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दिए कई आदेश

-फायर सर्टिफिकेट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी से संबंधित सर्टिफिकेट डीजी मेडिकल हेल्थ से तलब

-लोड आकलन कराने और भविष्य में लोड बढ़ने के बाद ही नए उपकरण लगाने के निर्देश

-फायर सेफ्टी नियमों के अनुपालन संबंधी दायित्व संस्थान के अध्यक्ष का

-राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण की गाइड लाइन पर मांगी गई रिपोर्ट