पटना की लाडली श्रुति ने खगौल को वर्ल्ड मैप पर ला दिया है। श्रुति अंतरिक्ष से ही वर्ल्ड के पर्यावरण पर नजर रखेगी। दरअसल, खगौल के छोटी बरदपुरा निवासी विमलेश कुमार की लाडली श्रुति का सेलेक्शन इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के लिए हुआ है। इसमें देश भर से चार स्टूडेंट्स का सेलेक्शन हुआ है। इनमें बिहार से एकमात्र श्रुति शामिल है।
पर्यावरण पर रहेगी नजर
श्रुति बताती है कि आईआईआरएस से एमटेक करने के बाद मेरे लिए नासा का दरवाजा खुल जाएगा। वहां पर मैं एक फॉरेस्टिक साइंसटिस्ट के रूप में काम करूंगी। अंतरिक्ष में जीवन के लिए पेड़-पौधे का कितना इंपॉर्टेंट है, इसकी खोज की जाएगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि किस एरिया में किस तरह के पेड़ लगाए जा सकते हैं। पूरे वर्ल्ड के पर्यावरण पर रहेगी नजर।
देश की एक अलग पहचान
श्रुति कहती है कि नासा पहुंच कर वह देश की एक अलग पहचान बनाना चाहती है। श्रुति के पिता विमलेश कुमार दवा दुकान चलाते हैं, वहीं मां सविता देवी खगौल में ही प्राइमरी प्राथमिक स्कूल की टीचर है। तीन बहन और एक भाई में सबसे बड़ी श्रुति इलाहाबाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट है।