खट्टर ने कहा था बयान को गलत

दरसल अपने बयान पर बवाल मचने के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उसका का खंडन किया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर किसी की भावना को ठेस पहुंची हो तो खेद जताने के लिए तैयार हूं। खट्टर ने कहा कि भाव को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैंने एक दूसरे का सम्मान करने की बात कही थी। खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने भी बयान जारी कर कहा है कि अखबार को दिए इंटरव्यू में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं। उन्होंने अखबार के रवैये को गैरजिम्मेदार करार दिया और कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दी। खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ये जरूर कहा था कि गाय देश में आस्था का विषय है, लेकिन बाकी बातें मनगढ़ंत हैं। इसके बाद ही संबंधित समाचार पत्र ने उनके इंटरव्यू, का आडियो रिलीज कर दिया और अब खट्टर बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं।

 

विपक्ष तैयार है घेरने को

इस बीच, खट्टर के बयान को लेकर कांग्रेस व राजद ने बड़ा हमला किया है। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि खट्टर को जानकारी होनी चाहिए कि केवल मुसलमान ही बीफ नहीं खाते। वे अन्य धर्मों के लोगों का विरोध क्यों नहीं करते? वहीं आरजेडी ने भी हमला किया और कहा कि कौन कहां रहे, ये तय करने वाले खट्टर कौन होते हैं?

क्या था खट्टर के इंटरव्यू में

इससे पहले समसचार पत्र ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का इंटरव्यू छापा था जिसमें खट्टर के हवाले से कहा गया था कि यदि मुस्लिमों को भारत में रहना है तो गोमांस (बीफ) खाना बंद करना होगा। खट्टर के अनुसार, ऐसा इसलिए क्योंकि गाय भारत में आस्था का केंद्र है। इससे पहले उन्होंने दादरी कांड में इखलाक की हत्या को गलत बताते हुए कहा कि उसके लिए दोनों ही पक्ष जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इखलाक की हत्या गलत है और यह गलतफहमी का नतीजा है।

 

दोनों पक्षों को बताया गलत

सीएम खट्टर के अनुसार, इस मामले में एक पक्ष ने पहले गाय को लेकर गलत टिप्पणी की थी और इसके बाद गुस्साए लोगों ने अफवाह के कारण इखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी है, उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि भारत में गाय हमारी आस्था से जुड़ी हुई है। यह सदियों से है, ऐसे में यदि यहां रहना है तो गोमांस खाना बंद करना ही होगा। लोकतंत्र में दूसरों की आस्था से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है और संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता है।

गौरतलब है कि दादरी कांड पर लगातार अनर्गल बयानबाजी के कारण तनाव बढ़ा है। एक ओर जहां विपक्ष लगातार पीएम मोदी पर खामोश रहने का आरोप लगाकर निशाना साध रहा है, वहीं दूसरी ओर साध्वी प्राची, योगी आदित्यनाथ, संगीत सोम जैसे नेताओं के विवादित बयान भाजपा के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।

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