- कूड़ाघाट तिराहा होकर चल रही हैं बसें

- एक्सीडेंट वाली जगहों पर नहीं लगाते चेतावनी बोर्ड

- आंदोलन करने पर बनाया जाता है डिवाइडर- ब्रेकर

- जहां चाहे खड़ी करें बस, बेहिसाब भर लें सवारी

- आई नेक्स्ट की मुहिम को गोरखपुराइट्स का समर्थन

GORAKHPUR : आई नेक्स्ट की मुहिम 'खूनी स्टियरिंग' के साथ अब पूरा गोरखपुर जुड़ चुका है। संडे को आई नेक्स्ट की टेलीफोन लाइन पर कॉल कर लोगों ने सिटी में बसों की बेकाबू रफ्तार के लिए पुलिस को जिम्मेदार बताया। पब्लिक ने कहा कि पुलिस चाहे तो एक्सीडेंट्स थम जाएंगे, लेकिन वसूली करने के आगे पुलिस को पब्लिक की कोई चिंता नहीं रहती। पब्लिक की ऐसी कंप्लेंट्स पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने संडे को करीब 8 घंटे सिटी और आस-पास की रोड्स पर पुलिस व्यवस्था का जायजा लिया। इस लाइव ऑपरेशन में अफसरों के आश्वासनों की पोल तो खुलती नजर ही आई, डेंजरस स्पॉट के तौर पर चिन्हित किए गए प्लेसेज पर भी पुलिस और ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त मिली।

कैमरे ने खोली पुलिस की लापरवाही की पोल

सिटी और आसपास के इलाकों में दुर्घटना बहुल क्षेत्रों में किसी तरह का चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया है। फोरलेन के जगदीशपुर-कोनी तिराहे पर महीने में कम से पांच-छह हादसे होते हैं। संडे मार्निग कोनी तिराहे पर पिकअप में टक्कर मारने के बाद ट्रक पलट गया। हाइवे पर लगे बिजली के खंभे ढह गए। हाइवे के इनॉगरेशन में लगे शिलापट की दीवारें तक दरक गई। यहां पर एक्सीडेंट की अधिकता के बावजूद किसी तरह का चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया है। देवरिया बाईपास, नौसढ़ तिराहा, महाबीर छपरा, जगदीशपुर कोनी, राजेंद्र नगर क्0 नंबर बोरिंग, एचएन सिंह चौराहे के पास, खजांची चौराहा, कूड़ाघाट तिराहा, मोहद्दीपुर में आरकेबीके के पास ,देवरिया हाइवे पर इंजीनियरिंग कॉलेज, गिरधरगंज बाजार, बरहुआ के पास मोड़, नंदानगर क्रासिंग सहित अन्य जगहों पर भी पुलिस ने कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया है।

अफसरों ने कहा था कि बाईपास होकर चलेगी बसें

नौ जून को कैंट एरिया के गिरधरगंज बाजार में देवरिया हाइवे पर बेकाबू बस ने बाइक सवारों को रौंद दिया। हादसे में दो अलग-अलग बाइक पर सवार बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए। पब्लिक का गुस्सा देखकर अफसरों ने डिवाइडर-ब्रेकर बनवाने को कहा। पब्लिक ने मोहद्दीपुर से कूड़ाघाट-सिंघडि़या होकर चलने वाली बसों को डायवर्ट करके देवरिया बाईपास से चलाने की मांग की। तब पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने कहा था कि अब कोई भी बस इधर से नहीं गुजरेगी, लेकिन आज भी बेधड़क बसों का संचालन किया जा रहा है। ख्ख् जुलाई को कैंट एरिया के इंद्रानगर तिराहे के पास आयुषि की मौत का दर्द फैमिली मेंबर्स झेल रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार लोग शायद इसको भूल चुके हैं।

क्या है पुलिस की जिम्मेदारी

एक्सीडेंट वाली जगहों को चिन्हित करे।

एक्सीडेंट की वजह का पता लगाकर इंजीनियरिंग दुरुस्त करे।

सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और डिवाइडर लगवाए।

प्रभावित जगहों पर सड़क के किनारे चेतावनी बोर्ड लगवाए।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज रफ्तार की जांच-पड़ताल करे।

सिटी के पॉश इलाकों में स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाए, नियम तोड़ने पर चालान करे।

इंटरसेप्टर व्हीकल में मौजूद उपकरणों से शराब पीकर ड्राइव करने वालों की जांच पड़ताल।

एक्सीडेंट के संवेदनशील जगहों पर पुलिस पिकेट लगाए।

क्या कर रही है गोरखपुर पुलिस

एक्सीडेंट वाली जगहों को चिन्हित करके भूल गई।

इंजीनियरिंग दुरुस्त करने पर नहीं देते हैं ध्यान

इक्का-दुक्का जगहों पर बनाएं गए ब्रेकर- डिवाइडर

लापता है चेतावनी बोर्ड, सिटी में कहीं नहीं आता नजर

एक्सीडेंट जोन में संभलने के लिए नहीं किया जाता अलर्ट

सड़क पर पुलिस सिर्फ गाड़ी के पेपर चेक करती है।

मर्जी के अनुसार चलती है इंटरसेप्टर व्हीकल

एक्सीडेंट वाली जगहों पर दिन में नहीं होती है पुलिस पिकेट

बरगदवां से गोरखनाथ की तरफ परिवहन निगम की बसें नहीं जाती हैं, लेकिन बरगदवां चौकी पर मौजूद कांस्टेबल पैसे लेकर अंडरटेकिंग बसों, प्राइवेट बसों को आराम से आने-जाने देते हैं। सिटी के भीतर बसों का रुट तय किया जाना चाहिए।

डॉ। दिलीप कुमार, कौडि़हवा मोड़, गोरखनाथ

कूड़ाघाट में एक्सीडेंट होने के बाद भी जिम्मेदार अफसरों ने बसों का रुट डायवर्ट नहीं किया। जून मंथ में हुए एक्सीडेंट में पांच लोगों की मौत के बाद पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने बसों का रुट डायवर्ट करने को कहा था, लेकिन मोहद्दीपुर होते हुए बसें आज भी फर्राटा भर रही हैं।

राजीव कुमार, वीर बहादुरपुरम कालोनी

व्हीकल की रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। सिटी के चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाएगी।

संतोष कुमार सिंह, टीएसआई