500 क्विंटल की खपत प्रतिदिन होती है मार्केट में होली पर खोया की।

180 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है खोया।

40 रुपए प्रतिकिलो है मार्केट में दूध की कीमत।

मार्केट में मिलावटी खोया की भरमार, लोगों की सेहत से खिलवाड़

ALLAHABAD: दो दिन बाद होली का त्योहार है। सभी के घर में गुझिया बनेगी। बड़ी मात्रा में खोया की खपत भी होनी है। ऐसे में बाजार से शुद्ध खोया ही खरीदें। जरा सी लापरवाही आपकी सेहत पर ग्रहण लगाकर त्योहार का मजा फीका कर सकती हैं। बाजार में बिक रहा खोया कितना शुद्ध है, यह इसी से साबित हो जाता है कि मार्केट में दूध का रेट 40 रुपए प्रति किलो है। जबकि खोया 180 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है।

शहर की खोया मंडियां

चौक, कटरा, बैरहना, नैनी, झूंसी आदि इलाके में बिकने वाले खोया की कीमत 180 रुपए किलो निर्धारित है।

एक किलो तैयार होने में लगते हैं 220

ई-पहल की ओर से सिविल लाइंस एल्गिन रोड पर लगाए गए खोया मेला में स्वयं सहायता समूहों की ओर से खोया के स्टॉल लगाए गए हैं। वह गारंटीड प्योर खोया बेचने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक किलो खोया बनाने में पांच लीटर दूध लगता है। इसकी कीमत मार्केट में 200 रुपए है। इसके अलावा इसको पकाने में ईधन और मैनपावर भी लगता है। कुल मिलाकर एक किलो खोया 220 रुपए में तैयार होता है। ऐसे में इसकी बिक्री 250 रुपए से नीचे होना मुश्किल है। फिर भी लोग 180 से 200 रुपए में बेच रहे हैं जो समझ के बाहर है।

इस तरह से खपाया जाता है घटिया माल

खोये को लेकर किस तरह से खेल चलता है इस बारे में रीजनल फूड ऑफिसर आरपी गुप्ता ने जानकारी दी। उनके मुताबिक

-जाड़े के सीजन में दूध की उत्पादन बढ़ जाता और इस दौरान भारी मात्रा में खोया तैयार कर कोल्ड स्टोर में रखवा दिया जाता है।

-उस समय इसकी लागत 120 से 130 रुपए होती है।

-इस बासी खोये को होली के मौसम में नए खोये में मिलाकर बेचा जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है।

-खोआ में आलू, मैदा आदि मिलाकर भी उसकी बिक्री की जाती है। ऐसे में उसकी लागत कम हो जाती है।

-वनस्पति से तैयार सिंथेटिक खोया में भी मार्केट में चोरी छिपे बेचा जा रहा है।

ऐसे करें असली-नकली की पहचान

-खोया को अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें। अलग यह असली है तो इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी।

-हथेली पर खोया की गोली बनाएं। अगर यह फटने लग जाए तो समझिए खोया नकली है या इसमें मिलावट की गई है।

-2 ग्राम खोया का 5 मिलीलीटर गरम पानी में घोल लें और इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन सॉल्यूशन डालें। अगर खोया नकली होगा तो इसका रंग नीला हो जाएगा।

-खोया में थोड़ी चीनी डालकर गरम करें, अगर यह पानी छोड़ने लगे तो यह नकली है।

-थोड़ा खोया खाकर देखिए अगर असली होगा तो मुंह में नहीं चिपकेगा जबकि नकली खोया चिपक जाएगा।

-असली खोया खाने पर कच्चे दूध जैसा स्वाद आएगा।

-नकली खोया परखने के लिए पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकड़ों में अलग हो जाएगा।

शुद्धता बननी चाहिए आपकी पहचान

ई-पहल द्वारा सिविल लाइंस एल्गिन रोड पर आयोजन खोया मेले में मंगलवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से फूड सेफ्टी पर सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश यादव ने स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं को शुद्ध उत्पाद तैयार करने के लिए जागरुक किया। उन्होंने फूड सेफ्टी के तमाम पहलुओं पर बात की। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला उत्पाद निर्माता व उपभोक्ता उपस्थित रहे। संचालन ई-पहल के निदेशक डॉ। गोपाल कृष्ण ने किया।

मेले में कुल 16 स्टॉल्स लगाए गए हैं। इसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा शुद्ध खोया, बरी, रंग, पापड़, चिप्स आदि की बिक्री की जा रही है। उपभोक्ता से अपील है कि वह होली पर खानपान की शुद्ध चीजें ही खरीदें।

-डॉ। गोपाल कृष्ण, निदेशक, ई पहल