RANCHI: पंडरा स्थित मामा के घर से अपर बाजार सेवा सदन के लिए क्9 वर्षीया विवाहिता के अपहरण मामले में पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। अपहृत विवाहिता छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की सुबह बिना टिकट पकड़ी गई है, जो रांची में सेवा सदन से निकलने के बाद रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। वह वहां कैसे पहुंची, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो सका है। हालांकि, गुरुवार दोपहर ही एक टीम बिलासपुर रवाना हो गई, जो विवाहिता को लेकर शुक्रवार को रांची लौटेगी। गौरतलब हो कि उसके परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए मंगलवार को कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जीआरपी ने मां से कराई बात

विवाहिता मूल रूप से खूंटी जिले के कर्रा की रहने वाली है। वह पंडरा में रहने वाले अपने मामा के घर आई थी। बिलासपुर जीआरपी ने उसे गुरुवार की सुबह तब पकड़ा, जब वह रेलवे स्टेशन पर अकेले घूम रही थी। जीआरपी को शक हुआ, तो उससे टिकट की मांग की गई। जब उसने कहा कि टिकट नहीं है। वह रांची से आई है, तब जीआरपी उसे अपने साथ ले गई। फिर बिलासपुर एसपी को इसकी सूचना दी गई। बिलासपुर एसपी ने पीडि़ता से पूछताछ कर उसकी मां से संपर्क किया और बताया कि उनकी बेटी वहां है। मां से पीडि़ता की बातचीत कराई गई। पीडि़ता की मां ने कोतवाली पुलिस का नंबर भी दिया। इसके बाद बिलासपुर पुलिस ने कोतवाली पुलिस से भी बातचीत की।

क्या है मामला

विवाहिता मंगलवार की सुबह करीब दस बजे पंडरा स्थित अपने मामा के घर से यह कहकर निकली थी कि वह सेवा सदन जांच कराने जा रही है। सेवा सदन से उसने अपनी मां से फोन पर बातचीत भी की थी। उसने बताया था कि उसकी जांच नहीं हो सकी है, इसलिए वह वापस पंडरा जा रही है। इसके बाद उसने अपनी एक सहेली को मैसेज किया कि वह एक ऑटो में है और उसमें तीन लोग हैं, जो उसे घूर रहे हैं। वह डरी हुई है, इसलिए मैसेज कर रही है। इसके बाद वह घर नहीं लौटी। उसके घर नहीं लौटने पर सभी ने खोजबीन की। जब वह नहीं मिली तो कोतवाली थाने में अपहरण की आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने जब उसके मोबाइल का रिकार्ड निकाला, तो उसका अंतिम लोकेशन डीपीएस के पास मिला। मोबाइल जांच में यह बात भी सामने आई की फोन पर सिर्फ उसने अपनी मां और पति से बात की थी। इसलिए, पुलिस को उसकी पड़ताल करने में और परेशानी हो रही थी।