मुक्त हुए समीर के बयान पर दर्ज हुई प्राथमिकी, चारों आरोपितों को जेल

- पुस्तक खरीदारी के बहाने बुलाया था बरही, वहां से किया अपहरण

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झारखंड के हजारीबाग जिला अंतर्गत बरही से रांची के व्यवसायी समीर कुमार का अपहरण करने वाले चारों आरोपितों को शनिवार को जेल भेज दिया गया। वहीं शनिवार को प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद समीर ने बताया कि अपहरण के बाद उन्हें पटना ले जाने की योजना बनाई गई थी। समीर की रांची में पुस्तक की दुकान है। शुक्रवार की रात समीर को गया में पुलिस ने अपराधियों से मुक्त कराया था। समीर ने रामपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए जहानाबाद के गोकुल मोहल्ला निवासी लाल किशटू प्रसाद के पुत्र सुनील कुमार उर्फ उदय शंकर को मुख्य आरोपित बनाया है। अन्य आरोपितों में गया जिले के अलीपुर थाना क्षेत्र के रसलपुर गांव निवासी राजेश सिंह का पुत्र रंजन सिंह, जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र के रामपुर निवासी टूनी शर्मा का पुत्र संजय कुमार और शकुराबाद थाना क्षेत्र के पीरो बिगहा निवासी परशुराम का पुत्र राकेश कुमार शामिल है।

25 लाख की डील

उन्होंने कहा कि जहानाबाद के सुनील कुमार ने गया के पुस्तक व्यवसायी रंजन के कहने पर उनसे 25 लाख रुपये की पुस्तक की डील की। मोबाइल पर बातचीत में 12 लाख रुपये एडवांस (अग्रिम) देने के लिए शुक्रवार को उसे बरही बुलाया था। वहां दोनों गाड़ी पर सवार हो गए। कुछ दूर जाने पर गया का पुस्तक विक्रेता रंजन कुमार भी सवार हो गया। समीर पर उसका दो लाख रुपया बकाया है। समीर ने कहा कि बाराचट्टी चेकपोस्ट के समीप पहुंचने पर उसे शक हुआ कि उसके अपहरण की साजिश रची गई है। वहां पहुंचने पर कहा कि पैसा पटना के धनरुआ में देंगे। तब समझ में आया कि वे लोग पटना ले जाना चाहते हैं। डोभी मोड़ पहुंचने से पहले परिवार, शुभचिंतकों व पुलिस को किसी तरह मैसेज कर अपहरण की सूचना दे दी। गया पुलिस इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे मुक्त करा लिया। टाउन डीएसपी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर थानाध्यक्ष सुजय विद्यार्थी ने इस मामले में सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की। अपहरणकर्ताओं को जेल और पुस्तक व्यवसायी को घर भेज दिया गया है।

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