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नंबर गेम
कुल गायब बच्चे- 85
बालक- 38
बालिकाएं-47
ajeet.singh@inext.co.in
ALLAHABAD: ajeet.singh@inext.co.in
ALLAHABAD: शहर में मासूम गुमशुदा हैं। एक, दो नहीं, सिर्फ इस साल की बात करें तो अब 8भ् बच्चे गायब हो चुके हैं। हाईकोर्ट नाराज है। धूमनगंज इलाके से अपहृत किशोरी के मामले में पुलिस की वर्किंग पर वह तल्ख टिप्पणी भी कर चुकी है। लेकिन सवाल अब भी अपनी जगह कायम हैं। आखिर इन मासूमों का पता कब चलेगा? अपने बच्चों के इंतजार में वो परिवार कब तक आंसू बहाते रहेंगे?
दस महीने में केवल बीस बच्चे मिले
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, जनवरी ख्0क्7 से लेकर क्क् नवंबर तक कुल 8भ् किशोर व बच्चे गायब हुए। इसमें फ्8 बालक और ब्7 बालिकाएं शामिल हैं। दस माह में पुलिस केवल क्0 बालक व क्0 बालिका यानि ख्0 बच्चों को ही तलाश कर उनके घर पहुंचा सकी है।
और जो रिकॉर्ड में ही नहीं
अपहृत और गायब होने वाले बच्चों की यह वो संख्या है जो पुलिस के रिकॉर्ड में है। लेकिन कई और मां-बाप हैं जो पुलिस तक पहुंच ही नहीं सके। पहुंचे भी तो उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई।
इन एरियाज से सबसे अधिक गायब
मऊआइमा- 9 बच्चे
उतरांव- 8
धूमनगंज- 6
कैंट- 4
टरका देती है पुलिस
किसी शख्स की बेटी गायब हुई हो अथवा बेटा। उन्हें रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने का कई बार चक्कर भी लगाना पड़ता है। नाबालिग बच्चों के मामले में नियमत: अपहरण का मुकदमा दर्ज लिखा जाना चाहिए, लेकिन पुलिस गुमशुदगी लिखकर घरवालों को टरका देती है। इतना नहीं गायब बच्चे की अलग अलग साइज की फोटो व अन्य कागजात भी मंगाए जाते हैं। इसके लिए पीडि़त मां-बाप को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
इनका पता ही नहीं चला
-कुछ साल पहले मऊआइमा एरिया में सात साल के मासूम बच्चे छोटू की बॉडी तालाब में मिली तो लोग सन्न रह गए।
-डॉ चौहान का बेटा छोटू घर से खेले के लिए निकला था। इसके बाद वह लापता हो गया।
-नैनी में सामने आया था। एक बच्चे को एक बाबा बहला-फुसलाकर भगा ले गया। दूसरे दिन मासूम की बॉडी नाले में मिली थी। पता चला उससे अप्राकृतिक दुष्कर्म हुआ था।
जनपद में गायब मासूम बच्चों के बारे में पता लगाने का प्रयास तेजी कर दिया गया है। साथ ही गायब बच्चों के परिजनों से भी बात की जा रही है।
-बृजेश मिश्रा, एसपी क्राइम
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