Ranchi: इस बाबत पुलिसकर्मी रीता देवी ने अपनी बेटी के अपहरण की रिपोर्ट सुखदेवनगर थाने में दर्ज करा दी है। इंद्रपुरी में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहने वाली महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि 28 नवंबर को ही उसकी नाबालिग बेटी को अगवा किया गया है। बेटी की सकुशल बरामदगी को लेकर 20 दिनों से छुट्टी पर हूं। उसकी तलाश कर रही हूं। लेकिन पुलिस अबतक उसे बरामद नहीं कर सकी है।

 

क्या है मामला

महिला पुलिसकर्मी रीता देवी ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि उसकी बेटी रांची के एक स्कूल में नौंवी क्लास की छात्रा है। छात्रा का अपहरण का आरोप आशीष राज पर लगाया है। आशीष राज मूल रूप से बिहार के पटना का रहनेवाला है। आरोपी के मामा का घर रांची में है। अक्सर आशीष राज अपने मामा के घर रहता था। पुलिस ने इस मामले में उसके मामा को पूछताछ के लिए रांची तो बुलाया। पूछताछ के पहले जब उसके मामा वहां पहुंचे तो अनुसंधानकर्ता का पूछताछ का लहजा इस प्रकार था कि आई, बैंठी, चाय पीं। आरोपी लड़का का मामा पुलिस के समक्ष बैठकर चला जाता है, जबकि महिला पुलिसकर्मी की बातों पर ध्यान नहीं दिया गया। बाद में महिला पुलिसकर्मी को नाबालिग लड़की के कॉपी से कुछ लड़कों का नंबर मिला। उस नंबर पर जब फोन किया गया तो किसी राहुल नामक लड़के ने उठाया। दो मिनट उससे बात की गई। बात करने के दौराना नाबालिग रो रही थी। नाबालिग की मां से उनलोगों ने पांच लाख रूपए भी मांगे।

 

थाने व अफसरों का लगाती रही चक्कर

महिला पुलिसकर्मी अपनी बेटी की बरामदगी के लिए पहले थाना, फिर इंस्पेक्टर के पास गई। जब उसे वहां से कोई मदद नहीं मिली तो वह एक दिन एसएसपी के पास गई। एसएसपी ने पुलिसकर्मी की बात सुनी और उनकी बेटी को बरामद करने के लिए कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह को कहा। कोतवाली डीएसपी ने इस संबंध में कांड के आईओ दीनानाथ राम को इस कांड का उद्भेदन करने के लिए कहा। जब महिला पुलिसकर्मी थाने गई और बेटी के बरामद करने संबंधी बात कही तो कहा गया कि अभी उन्हें बहुत काम है। कहा गया कि टेबल पर देख रही हो, कितनी फाइल है। पहले यह काम निबटाएं कि तुम्हारी बेटी को खोजें? फिर महिला पुलिसकर्मी वहां से चली आई।

 

खानापूर्ति के लिए होटल के कर्मी से पूछताछ

वरीय पदाधिकारियों के दबाब के बाद अनुसंधानकर्ता दीनानाथ राम न्यू मार्केट के पीछे स्थित जागृति होटल पहुंची। उस वक्त जब फुटेज निकाला गया तो आकाश, कुणाल को सीसीटीवी में कैद है। दोनों युवक भी थाने पहुंचे। थाना पहुंचने के बाद अनुसंधानकर्ता होटल पहुंचे और पूछताछ करने के लिए बचाव पक्ष की तरह उतर आया। होटल मैनेजर को कहा कि ई लड़का तो नहीं था न जी। तब मैनेजर ने कहा कि ये लोग नहीं है। जबकि होटल के रजिस्टर में कमरा रवि के नाम से लिया गया है। दोनों लड़का दिन में होटल में प्रवेश किया और एक ही बार शाम 6.30 बजे निकला है। जिस दिन महिला पुलिसकर्मी की बेटी का अपहरण हुआ, उस दिन मुहल्ले के लोगों ने दोनों लड़कों को देखा था।

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