इंटरनेट पर मिल रहा किराने का सामान
लोग किराने का सामान पास वाले की दुकान से ज्यादा ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए खरीद रहे हैं। इंटरनेट आधारित पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनी पेयू इंडिया के सर्वे के मुताबिक इसकी खरीदारी अगले एक साल में इतनी बढ़ जाएगी कि मोबाइल रिचार्ज के बाद दूसरे नंबर पर इसमें ट्रांजेक्शन होंगे। पेयू इंडिया के सीईओ और फाउंडर नितिन गुप्ता के मुताबिक हम देख रहे हैं कि कंपनियां बड़े पैमाने पर ऑनलाइन किराना शॉपिंग में निवेश कर रही हैं। बिग बास्केट, ग्रोफर, ग्रोसरमैक्स जैसे वेबपोर्टल ने कुल मिलाकर करीब 6.5 करोड़ डॉलर जुटा लिए है।
5 साल में बढ़ेगा ई-कॉमर्स किराना व्यापार
हमें लगता है कि अगले एक साल में इस सेगमेंट में हर दिन फिलहाल के 30,000 ट्रांजेक्शन के मुकाबले 5 लाख ट्रांजेक्शन होंगे। गुप्ता के मुताबिक इंडस्ट्री के डेटा को देखें तो ऑनलाइन मोबाइल फोन रिचार्ज में रोजाना 20 लाख ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। इसके बाद ट्रेन टिकट आईआरसीटीसी और ईकॉमर्स शॉपिंग का नंबर आता है। ईकॉमर्स सेगमेंट में पेयू के प्लेटफॉर्म में कुल ट्रांजेक्शन का 5 फीसदी किराना से आता है। जो कि अगले एक साल में बढ़कर 35 फीसदी हो जाएगा। पे यू गोबिबो, स्नैपडील, बुकमायशो, जबांग, फ्रीचार्ज, रेडबस जैसी कई कंपनियों को सुविधा देता है। गुप्ता के मुताबिक लोग को किराने के सामान की हर 2-3 दिन में जरूरत पड़ती है। इसी तरह मोबाइल रिचार्ज की भी जरूरत भी होती है। यही ट्रेंड ऑनलाइन शॉपिंग में भी दिखेगा।
साभार: नई दुनियाHindi News from Business News Desk
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