दबाव बनाना अहम था

मिताली राज देश के लिए 150 से अधिक वनडे खेल चुकी हैं। जाहिर ऐसे में वह खेल के हर उतार-चढ़ाव से अच्छी तरह परिचित हैं और यही अनुभव उनके काम आया। इंडियन कैप्टन ने कहा भी कि वह जानती थी कि पाकिस्तानी टीम के लिए 170 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि दूसरी पारी में पिच बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं रह गई थी। मिताली ने कहा, 'जब हम 170 रन के करीब पहुंचे तो मैं जानती थी कि शुरू में विकेट लेना जरूरी है क्योंकि लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम कितनी भी अच्छी क्यों नहीं हो और भले ही उसके सामने 150 रन का लक्ष्य हो, उस पर अच्छी शुरुआत के लिए दबाव होता है। विकेट बाद में आसान नहीं रह गया था और स्पिनर्स को काफी टर्न मिल रहा था।'

170 का टारगेट ही सोचा था

कप्तान मिताली ने यह भी कहा कि शुरुआती विकेट खोने के बाद उन्होंने नई रणनीति बनाई और उनका लक्ष्य 170 के स्कोर के आसपास पहुंचना था, क्योंकि गेंदबाजों की मदद कर रहा था। खासतौर से स्पिनर्स को खेलना मुश्किल हो रहा था। मिताली ने कहा, 'जब आप पहले 10 ओवर्स में पहला विकेट गंवा देते हो, तो इससे आप बैकफुट पर चले जाते हैं। हालांकि हमने अच्छी साझेदारियां निभाई, लेकिन लगातार 2 विकेट गंवाने से हम फिर बैकफुट पर चले गए।' उन्होंने कहा, 'हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी, लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिए। सुषमा और झूलन ने आखिर में अहम योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे। चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं।'

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