Know how to develop competitive spirit
स्टूडेंट्स में अगर कॉम्पिटेटिव स्पिरिट स्टार्टिंग से ही डेवलप की जाए तो उनमें आगे जाकर हर चैलेंज को फेस करने की कैपेबिलिटी होगी. हेल्दी कॉम्पिटीशन स्पिरिट स्टूडेंट्स को लाइफ में और भी सक्सेसफुल बनाती है. ऐसा कहा जाता है कि खुद को चैलेंज करने से हम ऑन द फील्ड और ऑफ द फील्ड दोनों में ही सक्सेसफुल होते हैं. अगर आप भी आईआईटी एग्जाम में अपीयर होने वाले हैं, तो जानिए कैसे आपको इसका फायदा मिल सकता है.

Get motivated
स्टूडेंट्स में मोटिवेशन की कमी होना उनके लिए सबसे बड़ा ड्रॉबैक हो सकता है. किसी भी कॉम्पिटीशन में पार्टिसिपेट करने के लिए उन्हें मोटिवेक कर उनमें कॉन्फिडेंस लाना बहुत जरूरी होता है. अगर स्टूडेंट्स को कम उम्र से ही किसी भी कॉम्पिटीशन या एग्जाम में पार्ट लेने के लिए टीचर्स या पेरेंट्स मोटिवेट करना स्टार्ट कर दें तो यह आगे जाकर उनकी कॉम्पिटेटिव स्पिरिट को बूस्ट करेगा.

Self-improvement
स्टूडेंट्स में सेल्फ-इंप्रूवमेंट का एटिट्यूड होना जरूरी होता है, नहीं तो वह खुद के इंप्रूवमेंट वाले एरियाज पर ध्यान ही नहीं दे पाएंगे. इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट 2015 में पार्टिसिपेट करने से स्टूडेंट्स को पता चल पाएगा कि उनका इंटरेस्ट किस सब्जेक्ट या फील्ड में है और वह कहां इंप्रूव कर सकते हैं.

Participation spirit
जिन स्टूडेंट्स में कॉम्पिटेटिव स्पिरिट नहीं होती है वह जल्दी किसी कॉम्पिटीशन में पार्ट भी नहीं लेते हैं. स्टार्टिंग से ही जब पेरेंट्स और टीचर्स स्टूडेंट्स को कॉम्पिटीशन में पार्ट लेने के लिए एंकरेज करते हैं तो वह आगे जाकर किसी भी कॉम्पिटीशन में पार्ट लेने से पीछे नहीं हटते हैं. जब स्टूडेंट्स खुद को पहली बार किसी कॉम्पिटीशन के लिए प्रिपेयर करते हैं तो उन्हें यह नहीं पता होता कि उनकी परफॉर्मेंस कैसी रहेगी. इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट उन स्टूडेंट्स के लिए पहला चांस हो सकता है जो आज तक किसी कॉम्पिटेटिव एग्जाम में अपीयर नहीं हुए और आईआईटी से उन्हें आइडिया मिल जाएगा कि वह आगे आने वाले एग्जाम्स में अपनी परफॉर्मेंस कैसे इंप्रूव कर सकते हैं.

IIT can help in this way
अक्सर जब बच्चे छठी-सातवीं क्लास में होते हैं, तो वे अपने करियर में बहुत कुछ हासिल करना चाहते हैं. वह एक साथ कई चीजें बनना चाहते हैं. कभी उन्हें इंजीनियर बनना होता है, तो कभी डॉक्टर. ऐसा इसलिए होता है कि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी नहीं होती कि इसके लिए पढऩा क्या पड़ता है और करना क्या पड़ता है. उनमें यह क्वालिटी है या नहीं, इसके बारे में तो उन्हें और भी नहीं पता होता. हां, हायर क्लास के बच्चे काफी कुछ जानते हैं, लेकिन वे भी उतना नहीं जानते जो उनके करियर को सही दिशा दे सके या जो एक्जेक्टली बता सके कि बेहतर परफॉरमेंस के लिए क्या करना जरूरी है. ऐसे में हमें इंतजार रहता है किसी ऐसे शख्स का जो हमें साफ-साफ बता सके कि हम इस फील्ड में बेहतर कर सकते हैं या हमारे इंट्रेस्ट के अनुसार यह फील्ड सही है. कुछ स्टूडेंट्स को तो ऐसे शख्स मिल जाते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जो समझ नहीं पाते कि उन्हें क्या करना चाहिए. आपके शहर में होने वाला आईआईटी टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है, जो आपका करियर पाथ बनाता है. आपको बताता है कि आप कहां मजबूत हैं, कहां कमजोर. कौन-सा फील्ड आपके लिए परफेक्ट साबित हो सकता है.

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