Know All about the deadly disease on the World Rabies Day 
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World Rabies Day:कुत्ते ही नहीं इन जानवरों से भी होता है रैबिज, 5 बातों की जानकारी ही बचाव
रेबीज एक विषाणु जनित बीमारी है। ये जनवरों की लार में पाई जाती है। यदि कोई संक्रमित जानवर दूसरे जानवर या इंसान को काटता है तो उससे रेबीज फैलता है। गर्म खून वाले जीवों में इसे फैलने की संभावना कई गुना अधिक होती है। 

रेबीज के प्रारंभिक लक्षण
प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी होती है। हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम, और होश खो देना। लक्षण प्रकट होने के बाद रेबीज का परिणाम हमेशा जीव की मौत होता है। रेबीज के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है।

इनके काटने से फैलता है रेबीज
कुत्तों, चमगादड़, बंदर, रकून, लोमड़ी, स्कन्क्स, मवेशी, भेड़िये, कोयोट्स, मोंगोजोस, भालू, घरेलू खेत के जानवर, ग्राउंडहॉग्ज, वीसल्स, खरगोश, चिपमंक्स, गेरबिल्स, गिनी डुकर, हैमस्टर्स, चूहे और गिलहरी की लार में रेबिज के विषाणु पाए जाते हैं।

रेबीज की रोकथाम के उपाय 
जानवर द्वारा काटने के स्थान और खरोंचों को 15 मिनट तक साबुन पानी, पोवीडोन आयोडीन, डिटर्जेंट से धोने पर यह विषाणु को मार सकते हैं। कुछ हद तक ये उपाय रेबीज के रोक थाम में प्रभावी होते हैं। रेबीज के लक्षणों के प्रकटन के बाद कुछ ही व्यक्ति इसके संक्रमण से बचे हैं। इसके व्यापक उपचार को मिल्वौकी प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता है।

रेबीज का टीका है उपयोगी
रेबीज का टीका रेबीज की रोक थाम के लिए उपयोग में लाया जाता है। रेबीज की रोकथाम का ये एकमात्र उपाय है। यह बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं जो सुरक्षित और प्रभावी दोनों है। रेबीज के विषाणु के संपर्क में आने के पहले जैसे कुत्ते या चमगादड़ द्वारा काटने के बाद एक अवधि के लिए रेबीज की रोक थाम में इन का उपयोग किया जा सकता है। तीन खुराक के बाद जो प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है वह लंबे समय तक रहती है।

बीते सालों में घटा है रेबीज का संक्रमण
रेबीज का संक्रमण दिन पर दिन कम होता जा रहा है। 1990 में रेबीज के संक्रमण से 54 हजार लोगों की जान गई थी। 2010 में रेबीज के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 26 हजार थी। पिछले 20 सालों में रेबीज की रोकथाम पर काफी उपाय किए गए हैं। 


रेबीज के प्रारंभिक लक्षण

प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी होती है। हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम, और होश खो देना। लक्षण प्रकट होने के बाद रेबीज का परिणाम हमेशा जीव की मौत होता है। रेबीज के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है।

world rabies day:कुत्‍ते ही नहीं इन जानवरों से भी होता है रैबिज,5 बातों की जानकारी ही बचाव

इनके काटने से फैलता है रेबीज

कुत्तों, चमगादड़, बंदर, रकून, लोमड़ी, स्कन्क्स, मवेशी, भेड़िये, कोयोट्स, मोंगोजोस, भालू, घरेलू खेत के जानवर, ग्राउंडहॉग्ज, वीसल्स, खरगोश, चिपमंक्स, गेरबिल्स, गिनी डुकर, हैमस्टर्स, चूहे और गिलहरी की लार में रेबिज के विषाणु पाए जाते हैं।

 

रेबीज की रोकथाम के उपाय 

जानवर द्वारा काटने के स्थान और खरोंचों को 15 मिनट तक साबुन पानी, पोवीडोन आयोडीन, डिटर्जेंट से धोने पर यह विषाणु को मार सकते हैं। कुछ हद तक ये उपाय रेबीज के रोक थाम में प्रभावी होते हैं। रेबीज के लक्षणों के प्रकटन के बाद कुछ ही व्यक्ति इसके संक्रमण से बचे हैं। इसके व्यापक उपचार को मिल्वौकी प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता है।

world rabies day:कुत्‍ते ही नहीं इन जानवरों से भी होता है रैबिज,5 बातों की जानकारी ही बचाव

रेबीज का टीका है उपयोगी

रेबीज का टीका रेबीज की रोक थाम के लिए उपयोग में लाया जाता है। रेबीज की रोकथाम का ये एकमात्र उपाय है। यह बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं जो सुरक्षित और प्रभावी दोनों है। रेबीज के विषाणु के संपर्क में आने के पहले जैसे कुत्ते या चमगादड़ द्वारा काटने के बाद एक अवधि के लिए रेबीज की रोक थाम में इन का उपयोग किया जा सकता है। तीन खुराक के बाद जो प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है वह लंबे समय तक रहती है।

 

बीते सालों में घटा है रेबीज का संक्रमण

रेबीज का संक्रमण दिन पर दिन कम होता जा रहा है। 1990 में रेबीज के संक्रमण से 54 हजार लोगों की जान गई थी। 2010 में रेबीज के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 26 हजार थी। पिछले 20 सालों में रेबीज की रोकथाम पर काफी उपाय किए गए हैं। 

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International News inextlive from World News Desk

 

 

 

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