यह अपील ऐसे समय में आई है जब कोडक कोशिश कर रहा है कि वो कंपनी की हालत ठीक करे और उसे लेनदार परेशान न करें। कंपनी का कहना है कि इस अपील का ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा।

कोडक पिछले कुछ समय में कैमरों से अधिक प्रिंटर बनाने पर ध्यान दे रही है क्योंकि कंपनी को लगातार नुकसान होता रहा है। कोडक 133 साल पुरानी कंपनी है लेकिन डिजिटल कैमरे आने के बाद कोडक के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।

कोडक के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी एंटोनियो एम पेरेज़ ने अपील के बारे में घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ बोर्ड ऑफ डायरेक्टरों ने और पूरे सीनियर स्टाफ ने सर्वसम्मति से माना है कि ये एक आवश्यक कदम है और कोडक के भविष्य के लिए बिल्कुल सही क़दम.’’ कंपनी का कहना है कि कोडक ने सिटीग्रुप से पहले ही 95 करोड़ डॉलर की मदद सुनिश्चित की है।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी बनने के बाद पेरेज़ ने पूरा ध्यान कैमरों से हटाकर प्रिंटरों और अन्य सामान पर लगाया है लेकिन इसके बावजूद कंपनी को बहुत फायदा नहीं हो सका है।

पिछले वर्ष कोडक अपने डिजिटल इमेजिंग के पेटेंट का कैटेलॉग तक नहीं बेच पाई थी जिसके बाद कंपनी को दिवालिया होने की अपील करने का फ़ैसला करना पड़ा है। पेरेज़ ने गुरुवार को कहा, ‘‘हमे अब खुद को बदलना ही होगा.’’

दिवालिया होने के क़ानून के तहत जब कोई कंपनी अपील करती है तो उस पर विचार किया जाता है। अगर अपील मंजूर हो जाती है तो कंपनी को लेनदारों को कुछ समय के लिए पैसे नहीं देने का और खुद को बदलने का मौका मिलता है।

कोडक में 19 हज़ार लोग काम करते हैं और इस अपील का उन पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि एक समय में कोडक में क़रीब डेढ़ लाख लोग काम करते थे।

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